नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अपने उद्योगपती मित्रों का 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का पूरा खजाना 400-500 लोगों पर लुटाया जा रहा है, जबकि आम जनता के कल्याण के लिए पैसा नहीं बचता।
दिल्ली के लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने जनता के सामने दो मॉडल पेश किए। उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी का ‘केजरीवाल मॉडल’ है, जिसमें जनता के पैसे का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं पर होता है। दूसरी तरफ बीजेपी का मॉडल है, जिसमें जनता के पैसे को अमीर उद्योगपतियों की जेब में डाला जाता है। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली के लोगों को हर महीने 25,000 रुपये तक का फायदा पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो उनकी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि ये बीजेपी की नीतियों के खिलाफ हैं।
दिल्ली के चुनाव को उन्होंने केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश का चुनाव बताते हुए कहा कि यह तय करने का समय है कि देश का पैसा कैसे खर्च होना चाहिए। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि जनता द्वारा दिए गए टैक्स का उपयोग बच्चों के लिए स्कूल और अस्पताल बनाने में होना चाहिए या फिर बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने में?
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए गए। उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिए, जैसे एक उद्योगपति का 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज मात्र 4,500 करोड़ रुपये में निपटाया गया और एक अन्य का 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज सिर्फ 1,500 करोड़ रुपये में माफ कर दिया गया। केजरीवाल ने कहा कि यह पैसा जनता का है, जिसे सही जगह खर्च करने की जरूरत है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की कि इस चुनाव को सिर्फ सरकार चुनने के तौर पर न देखें, बल्कि यह फैसला करें कि आपका पैसा आपके बच्चों के भविष्य के लिए इस्तेमाल होगा या अमीरों के कर्ज माफ करने के लिए।