पटना: नीतीश सरकार ने बिहार में शराब पर पाबंदी को और मजबूत करने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है। सीएम नीतीश कुमार ने शराब का धंधा छोड़ने वालों को 1 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले के पीछे दो कारण माने जा रहे हैं। पहली तो ये कि इससे अवैध और नकली शराब की तस्करी को रोकने में सहायता मिलेगी तथा दूसरी- शराब का धंधा छोड़ने वालों को प्रोत्साहित किया जा सके। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक हुई थी। इस बैठक में शराब का धंधा छोड़ने वालों को आजीविका चलाने के लिए आर्थिक मदद देने की योजना की घोषणा की गई। इस योजना के लिए सरकार ने 610 करोड़ रुपये का बजट भी रखा है। योजना का तहत अवैध तथा नकली शराब का धंधा छोड़ने वालों को 1-1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
इन लोगों को मिलेगी मदद:-
1 लाख रुपये की ये मदद उन सभी व्यक्तियों को मिलेगी जो शराब के धंधे से जुड़े थे। इस योजना का लाभ केवल शराब का धंधा छोड़ने वालों को ही नहीं मिलेगा, बल्कि ताड़ी का कारोबार करने वालों को भी मिलेगा।
क्या हर वर्ष मिलेगी मदद?
नहीं। 1 लाख रुपये की ये सहायता केवल एक ही बार मिलेगी। यानी, इसी वर्ष सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत मिलने वाली रकम से लोगों को अपना नया कारोबार आरम्भ करने में मदद प्राप्त होगी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
बिहार में 6 वर्षों से शराबबंदी है, मगर इसके बावजूद अवैध और नकली शराब का धंधा यहां फल-फूल रहा है। इसलिए इस धंधे को रोकने के लिए ये योजना लाई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने ये भी कहा कि ताड़ी के पेड़ से ताड़ी की बजाय 'नीरा' का उत्पादन किया जाए। ताड़ी हानिकारक होती है, जबकि नीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है।
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