लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र के धरांव गांव में एक महिला ने अपनी ही बेटी के नवजात शिशु को तीन लाख रुपये में बेच दिया। यह घटना तब हुई जब कविता नामक महिला, जो भदोही जिले की रहने वाली थी, डिलीवरी के लिए अपनी मां के पास मायके आई थी। उसका पति सूरत में काम करता था। 25 अक्टूबर को उसे जौनपुर के प्रताप हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया।
इसके बाद, कविता की मां ने कुछ महिलाओं के साथ मिलकर नवजात बच्चे को बेचने की योजना बनाई। इन महिलाओं ने कविता की मां को तीन लाख रुपये में बच्चे को बेचने का प्रस्ताव दिया, और उसने इसे स्वीकार कर लिया। डिलीवरी के बाद, कविता को अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि उसकी मां ने बच्चा तीन लाख रुपये में बेच दिया। हालांकि, उसे पूरे तीन लाख रुपये नहीं मिले। उसे केवल एक लाख 70 हजार रुपये दिए गए, और बाकी पैसे अन्य आरोपी महिलाओं ने आपस में बांट लिए।
इस पूरे मामले को एक हफ्ते तक छुपा कर रखा गया। जब कविता ने अस्पताल में अपने बेटे के बारे में पूछा, तो आरोपियों ने बताया कि बच्चा गंभीर रूप से बीमार था और उसे दूसरे अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। जब कविता घर लौटी, तो उसे बताया गया कि बच्चा मर गया है। लेकिन जब उसने शव के बारे में पूछा, तो उसकी मां और नानी ने बताया कि उन्होंने नवजात को तीन लाख रुपये में बेच दिया था, लेकिन उन्हें केवल एक लाख 70 हजार रुपये मिले थे।
यह सुनकर कविता के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने पुलिस में शिकायत की, और जलालपुर पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और नवजात बच्चे को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया। आरोपियों में गोरखनाथ चौबे, पूनम गुप्ता, हेंमती साहू, सीता पांडे, इंद्रिका सिंह और शान्ति देवी शामिल थे।
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