हाल ही में दिल्ली के एक परिवार के 11 सदस्यों के एक साथ ख़ुदकुशी से देश भर में सनसनी फ़ैल गई है. सभी लोगों की इस सामूहिक आत्महत्या के बारे में अलग-अलग राय है. लेकिन असलियत तो जाँच पूरी होने के बाद ही पता चलेगी. लेकिन इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के सबसे खतरनाक सामूहिक आत्महत्याओं के बारे में, तो आइए..
सामूहिक आत्महत्या की सबसे बड़ी घटना 1944 में जापान के साईपेन में घटित हुई थी, जिसमे 22000 लोगों ने एक ऊँची चट्टान से कूदकर आत्महत्याएं कर ली थी. दरअसल उस समय अमेरिकी सेना उनके पीछे थी, जिनसे बचने के लिए उन लोगों ने जान दे दी.
इसके बाद 18 नवंबर, 1978 को दक्षिण अमेरिका के गुयाना में 918 लोगों ने एक साथ जान दे दी थी. बाद में पता चला था कि ये लोग एक धार्मिक पंथ पीपल्स टेंपल ग्रुप को मानने वाले थे, जब उनके धर्मगुरु ने आत्महत्या की तो इन सब लोगों ने भी अपने प्राणों की आहुति दे दी. इसमें 276 बच्चे भी शामिल थे.
इसके अलावा युगांडा में 17 मार्च, 2000 को "मूवमेंट फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड" पंथ को मानने वाले 778 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. ये पंथ इसा के 10 कमांडमेंट्स को मानता था.
इस तरह की कई और भयानक घटनाएं भी इतिहास में दर्ज हैं, जिनमे से अधिकतर का सम्बन्ध धर्म से है. धर्म को ठीक से न समझ पाने या किसी के बहकावे में आकर कई लोग ईश्वर के सबसे बड़े वरदान "जीवन" को ठुकरा चुके हैं. इसलिए धर्म पर विश्वास कीजिये पर धर्मांध मत बनिए.
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