देहरादून: उत्तराखंड में कोविड संक्रमित हर दूसरे व्यक्ति में ओमिक्रॉन के लक्षण ही देखने को मिले है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के कोरोना सैंपलों की जीनोम सिक्वेसिंग रिपोर्ट में इस बात से पर्दा उठा दिया गया है। मेडिकल कॉलेज ने 159 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच में 54 फीसद सैंपलों में ओमिक्रॉन की पुष्टि की हुई है। लेकिन कोविड का ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कम घातक साबित होने लगी है।
15 प्रतिशत सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग: स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा है कि पूरे प्रदेश से 2255 कोरोना वायरस संक्रमित सैंपलों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला को भेजे जाने वाले है। जिसके सापेक्ष 159 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट भी मिल रही है। इसमें 85 सैंपलों में ओमिक्रॉन वैरिएंट भी मिल चुका है। प्रदेश में जितने भी सैंपल कोरोना से संक्रमित पाए गए है। उनमें लगभग 15 फीसद सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाने लगी है।
महानिदेशक ने बोला है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण और भी तेजी से फैलता जा रहा है। जिससे संक्रमित केस बढ़ते जा रहे है। ओमिक्रॉन का प्रभाव अधिक घातक नहीं है। अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रह कर ठीक हो चुके है। पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में संक्रमण पाए जाने पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ रहा है लेकिन ओमिक्रॉन से घबराने की जरुरत नहीं है। संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। सभी लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए । मास्क पहनने के साथ ही सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
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