जम्मू: सोमवार को पवित्र छड़ी मुबारक को हेलीकॉप्टर के माध्यम से श्री अमरनाथ गुफा में लाया गया, और पूजा अर्चना की गई. तत्पश्चात वापस पहलगाम लाया गया, जहां मंगलवार प्रातः लिद्दर नदी के किनारे पूजन और विसर्जन के साथ श्री अमरनाथ यात्रा का समापन होगा. इसके चलते महंत दीपेंद्र गिरि और अन्य साधु संत उपस्थित रहे. छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेन्द्र गिरि ने अपने बयान में बताया कि इससे पूर्व भी साल 2019 और 1996 में पवित्र छड़ी को हेलिकॉप्टर के माध्यम से लाया जा चुका है.
प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, सोमवार को श्रावण पूर्णिमा के मौके पर दशनामी अखाड़े के महंत और पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेन्द्र गिरि श्रीनगर के दशनामी अखाड़े में स्थित अमरेश्वर मंदिर से चंद साधु संतों के साथ प्रातः लगभग 6 बजे श्रीनगर के राज भवन स्थित नेहरू हेलीपैड पहुंचे. जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए ले जाया गया. महंत और साधु संतों की टोली प्रातः लगभग 8 बजे पवित्र गुफा में पहुंची. तत्पश्चात मुहूर्त के मुताबिक, प्रातः 10 बजे स्वामी अमरनाथ जी और मां पार्वती की छड़ी मुबारक की पारंपरिक विधि अनुसार पूजा अर्चना की गई.
महंत दीपेंद्र गिरि ने अपने बयान में बताया, कोरोना के चलते गिने चुने साधु संत ही पवित्र छड़ी के साथ इस बार जा सके, अन्यथा प्रत्येक वर्ष अच्छी खासी संख्या में साधु संतों के साथ छड़ी मुबारक को अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से नाग पंचमी पर पूजन कर रवाना किया जाता था. मार्ग में पांपोर, बिजबिहाड़ा, गौतम नाग, अनंतनाग, मट्टन, अशमुकाम, पहलगाम आदि स्थानों पर रात पड़ाव के पश्चात् फिर छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए रवाना हुआ करती थी. इसके चलते भी चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंजतरणी में छड़ी का रात्रि पड़ाव हुआ करता था. साथ ही कोरोना के कारण इस बार कई कार्यो में बदलाव हुए है.
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