डिंडौरी: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में कार्यरत जिलाधिकारी विकास मिश्रा अपनी वर्किंग स्टाइल के कारण निरंतर ख़बरों में बने हुए हैं। हाल ही में जिलाधिकारी ने एक शिविर में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को एक दिन का कलेक्टर बना दिया। इस के चलते कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय MLA ने जिलाधिकारी से उनकी सैलरी पूछ डाली। जवाब में जिलाधिकारी ने कह दिया कि महिला से आयु एवं पुरुष से उसका वेतन नहीं पूछा जाता है।
जिले के करंजिया जनपद पंचायत क्षेत्र की खारीडीह ग्राम पंचायत की यह घटना है। यहां 'जनसेवा से सुराज' अभियान के तहत समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया था। इस के चलते गोपालपुर हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 11वीं की छात्रा कुमकुम को एक दिन का कलेक्टर बनाया गया था। प्रोग्राम में कलेक्टर विकास मिश्रा ने छात्रा कुमकुम को माइक थमाकर हितग्राहियों को बतौर जिलाधिकारी संबोधित करने का भी बोला। इसके चलते शिविर में स्थानीय MLA ओमकार सिंह मरकाम भी पहुंच गए।
MLA मरकाम जिला कलेक्टर से मुखातिब हुए तथा पूछा- कलेक्टर साहब का वेतन एक लाख रुपए तो होगा ही? तो कलेक्टर ने कहा कि ज्यादा ही है। तब MLA ने दोबारा पूछा, कितना? फिर कलेक्टर ने यह बोलते हुए बताने से मना कर दिया कि 'महिला से उम्र, आदमी से तन्ख्वाह नहीं पूछते।' कलेक्टर का जवाब सुन MLA आगे बोलते हैं, ''चलो, मान लेते हैं कि 1।80 लाख रुपए होगी, तो एक दिन का 6 हजार रुपए पड़ता होगा। ऐसे में छात्रा एक दिन की कलेक्टर बनी है तो उस एक दिन का पैसा मतलब 6 हजार रुपए मैं देता हूं।'' यह सुन शिविर में उपस्थित लोग जमकर ठहाका लगाने से स्वयं को रोक नहीं सके। 'जनसेवा से सुराज' शिविर में तकरीबन 234 हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए तथा गांव के लोगों की दिक्कतें भी शिविर में उपस्थित अफसरों ने सुनीं।
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