मुंबई: स्किन टू स्किन टच केस में निर्णय देकर सुर्ख़ियों में आईं एडिशनल जज पुष्पा गनेडीवाला ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. कहा जा रहा है कि एडिशनल जज के तौर पर सेवा विस्तार नहीं मिलने तथ्स सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम में स्थान नहीं प्राप्त हो पाने के कारण यह इस्तीफा आया है. वैसे उच्च न्यायालय में एडिशनल जज के रूप में 12 फरवरी को उनके सेवाकाल का आखिरी दिन है, मगर इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. पुष्पा गनेडीवाला 11 फरवरी को अंतिम दिन उच्च न्यायालय आएंगी. उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि अब वह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करेंगी.
दरअसल, बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच ने यौन उत्पीड़न के एक अपराधी को यह बोलते हुए रिहा कर दिया गया था कि नाबालिग के निजी अंगों को स्किन टू स्किन कांटेक्ट के बिना टटोलना POCSO act के तहत नहीं आता. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. फिर इस याचिका का सपोर्ट करते हुए महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग, महाराष्ट्र सरकार समेत कई अन्य पक्षकारों की तरफ से दर्ज याचिकाओं पर सुनवाई हुई. 30 सितंबर को घटना की सुनवाई पूरी हो गई थी.
वही सुनवाई के चलते याचिकाकर्ताओं ने अदालत में कहा था कि उच्च न्यायालय के फैसले का अर्थ है कि अगर यौन उत्पीड़न के अपराधी एवं पीड़िता के बीच सीधे स्किन टू स्किन का कांटेक्ट नहीं होता है, तो POCSO act के तहत यौन उत्पीड़न का मुकदमा नहीं बनता. अटॉर्नी जनरल ने सुनवाई के चलते बोला था कि अदालत के इस फैसले से व्यभिचारियों को खुली छूट प्राप्त हो जाएगी तथा उनको सजा देना बहुत पेचीदा और कठिन हो जाएगा.
Ind Vs WI: तीसरे ODI के लिए टीम इंडिया ने किए 4 बदलाव, राहुल-शार्दुल हुए बाहर
एक नागिन के लिए लड़े दो नाग, वीडियो हो रहा वायरल
Airtel की वीडयो स्ट्रीमिंग सर्विस ने लॉन्च किया ये खास ऑफर, जानिए...?