ढाका: बांग्लादेश में देश की आज़ादी के नायक शेख़ मुजीबुर्रहमान के क़त्ल के दोषी पाए गए एक पूर्व सैन्य अधिकारी को फांसी दे दी गई है. अब्दुल माजिद को इस हफ्ते राष्ट्रपति के पास से क्षमा याचना की अपील के ख़ारिज होने के बाद रविवार को ढाका में फांसी पर लटका दिया गया. माजिद को 25 वर्ष तक फ़रार रहने के बाद गत मंगलवार को अरेस्ट किया गया था.
बाग्लादेश की मौजूदा पीएम शेख़ हसीना के पिता शेख़ मुजीब को उनके परिवार के ज्यादातर लोगों के साथ 1975 में एक सैन्य विद्रोह में मार डाला गया था. तख़्तापलट होने के बाद से माजिद बांग्लादेश में ही रहे, लेकिन बताया जाता है कि 1996 में शेख़ हसीना के पीएम चुने जाने के बाद वो भारत में पलायन कर गए थे. हसीना सरकार ने तब मुजीब के कातिलों को मुक़दमे से बचाने वाले क़ानून को पलट डाला जिसके बाद 1998 में माजिद और एक दर्जन अन्य सैन्य अधिकारियों को सजा-ए-मौत सुना दी गई.
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने 2009 में इस सज़ा को बहाल रखा जिसके बाद पाँच दोषियों को मौत की सज़ा दे दी गई. अब्दुल माजिद को पिछले महीने बांग्लादेश लौटने के बाद इस सप्ताह अरेस्ट कर लिया गया था.
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