मशहूर धार्मिक सीरियल निर्माता रामानंद सागर के एतिहासिक शो 'रामायण' को दर्शकों का जमकर प्यार मिला। शो में प्रभु श्री राम की भूमिका निभाकर एक्टर अरुण गोविल लोकप्रिय हो गए। वहीं माता सीता के किरदार में दीपिका चिखलिया अमर हो गईं। मगर, इन दोनों के अतिरिक्त दर्शकों ने प्रभु श्री राम के छोटे भाई भरत का किरदार अदा करने वाले अभिनेता संजय जोग को भी बहुत पसंद किया। संजय जोग ने भी दर्शकों के प्यार को संभाले रखा तथा हिट पर हिट मराठी फिल्में दीं। मगर, फिर उन्हें ऐसी बीमारी ने जकड़ लिया, जिसके कारण काम उम्र में ही उनकी मौत हो गई।
संजय जोग ने अपने करियर का आरम्भ मराठी फिल्म 'सापला' से किया था। यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई एवं उन्होंने तंग आकर अभिनय छोड़ दिया। वह किसानी करने नागपुर लौट गए। हालांकि, उनकी किस्मत में अभिनेता बनना ही लिखा था। इसलिए जब वह किसानी से जुड़े किसी काम के लिए मुंबई आए तब उन्हें मल्टीस्टारर फिल्म 'जिद्द' ऑफर हुई। फिल्म में उन्होंने लीड रोल निभाया तथा यह फिल्म हिट साबित हो गई। बस फिर क्या...उन्होंने हिट पर हिट फिल्में दी तथा देखते ही देखते वह मराठी फिल्मों के सबसे महंगे एक्टर बन गए।
एक इंटरव्यू में संजय ने इस बात का खुलासा किया था कि उन्हें यह किरदार मेकअप मैन के कारण मिला था। उन्होंने बताया था, 'मैं गुजराती फिल्म 'माया बाजार' में अभिमन्यु का किरदार अदा कर रहा था। इस फिल्म के मेकअप मैन गोपाल दादा थे। गोपाल दादा रामायण का भी मेकअप डिपार्टमेंट संभाल रहे थे। उन्होंने ही मुझे रामानंद सागर जी के पास भेजा था। रामानंद सागर जी ने पहले मुझे लक्ष्मण का रोल दिया। मगर, फिर मेरे व्यस्त शेड्यूल के कारण मैंने ये किरदार निभाने से मना कर दिया। बाद में मुझे भरत का किरदार मिला।' मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लीवर फेल होने के कारण संजय जोग की 40 साल की उम्र में जान चली गई थी। जब उनकी मौत की खबर सबके सामने आई थी तब सब सन्न रह गए थे। पूरी इंडस्ट्री शोक में डूब गई थी। बताया जाता है कि उनके अंतिम पल बडे़ दर्द भरे रहे थे।
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