भारत में कोवीशिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के वक़्त को 4-8 सप्ताहों की जगह अब 12-16 सप्ताह कर दिया गया है। मतलब वैक्सीन की पहली डोज लेने के पश्चात् अब दूसरी डोज लेने के लिए 12-16 सप्ताह की प्रतीक्षा करनी होगी। दरअसल ये इसलिए किया गया है जिससे लोगों का इम्यून सिस्टम और अधिक मजबूत हो और कोरोना का संकट भी उतना ही कम हो।
वही अब इस बात की पुष्टि वैक्सीन के डेवलपर तथा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन ग्रुप के हेड एंड्रयू पोलार्ड ने भी कर दी है। उनका मानना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बीच में जितने अधिक वक़्त का गैप होगा लोगों को उतना ही लाभ होगा। इंटरव्यू में उन्होंने बताया, वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बीच में जितना लंबा समय होगा, शरीर का इम्यून सिस्टम उतना अधिक मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि 3 महीने के गैप में वैक्सीन की दूसरी डोज लेने से लोगों को बहुत लाभ होगा। वहीं और अधिक बेहतर परिणामों के लिए 4 महीने की प्रतीक्षा भी की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि कोवीशिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज जितने लंबे वक़्त पश्चात् ली जाएगी, इम्यून सिस्टम उतना अधिक मजबूत होगा। एंड्रयू पोलार्ड का ये बयान ऐसे वक़्त में सामने आया है जहां हाल ही में देश में वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए वक़्त बढ़ाने के चलते विवाद खड़ा हो गया है। कई लोग इस चीज का ये बोलकर विरोध कर रहे हैं कि वैक्सीन की कमी के चलते सरकार ने ये फैसला लिया है। हालांकि एक्सपर्ट के दावे इन आरोपों को झूठा सिद्ध कर रहे हैं।
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