नई दिल्ली: इसी साल फरवरी में 23 सिख रेजिमेंट के जवान गज्जन सिंह ने हरप्रीत कौर के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हुए सात फेरे लिए थे। रोपड़ में बड़ी धूमधाम से दोनों का विवाह हुआ था। सोशल मीडिया पर किसान यूनियन का झंडा लिए दूल्हे की तस्वीर जमकर वायरल हुई थी। दो माह पूर्व गज्जन अपने भाई की शादी के लिए घर आए थे। उस समय छुट्टी मनाने के बाद वे जल्दी वापस आने का कहकर ड्यूटी पर लौट गए थे, मंगलवार को वे घर तो लौटे, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।
हरप्रीत के हाथों से अभी शादी का चूड़ा भी अभी नहीं उतरा था कि उसकी मांग सूनी हो गई। पथराई आंखों से अपने पति के पार्थिव शरीर को निहारते हुए हरप्रीत बार-बार बस यही कह रही थी- 'ओए उठ जा... मैंनू तो देख ले एक वारी...।' बुधवार को शहीद गज्जन सिंह को अंतिम विदाई दी गई। बड़ी तादाद में लोग अपने हीरो को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे। हरप्रीत के करुण क्रंदन से सबका कलेजा फटा जा रहा था। हरप्रीत बार-बार यही बात दोहरा रही थीं कि गज्जन बस एक बार उन्हें देख लें.... गज्जन के पिता चरण सिंह भी अपने आप को ही नहीं संभाल पा रहे थे, वे बहू को क्या संभालते। उनका गला रो-रोकर बैठ गया था, वे बस किसी तरह अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न कर रहे थे। मां पहले से बीमार हैं, इसलिए बेटे ही शहादत की खबर उन्हें नहीं बताई गई।
फरवरी में जब गज्जन सिंह का विवाह हुआ था, तो वह अपनी बारात में किसानी झंडा लेकर गए थे। लोग बताते हैं कि गज्जन अपनी दुलहन को ट्रैक्टर पर लेकर आए थे। गज्जन सिंह उन पांच जवानों में से एक थे जो सोमवार को पुंछ में आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
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