1 दिसंबर यानी आज से SIM Card खरीदने के नियमों में परिवर्तन हो गए हैं. सरकार ने कुछ महीने पहले इन परिवर्तनों की लिस्ट जारी की थी, जो आज से लागू हो गए हैं. इन परिवर्तनों के तहत सिम खरीदने के तरीकों में कंज्यूमर्स के लिए कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, मगर वेरिफिकेशन के प्रॉसेस को बेहतर किया गया है, जिससे फर्जी सिम खरीद पर रोक लग सके.
क्या होगा फायदा?
साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिम कार्ड वेरिफिकेशन का प्रॉसेस बदला गया है. इससे फेक सिम कार्ड खरीदना मुश्किल होगा तथा ट्रैकिंग अधिक सरल होगी.
कंज्यूमर्स पर क्या प्रभाव होगा?
पहले की भांति ही अब भी आपको आधार कार्ड (या किसी दूसरे ID कार्ड) तथा फोटो के साथ ही नया सिम मिलेगा. नया सिम जारी करने में आपके साथ सेलर का भी वेरिफिकेशन होगा.
फर्जी सिम पर लगेगी रोक;-
कोई सिम कार्ड किसके नाम पर है और किसने जारी किया (सेलर) है, ये सरलता से बता दिया जा सकेगा. सरकार ने इन नियमों को आम लोगों की सुरक्षा के लिए जारी किया है.
इस बात का रखें ध्यान
नए नियम लागू होने के पश्चात् किसी दूसरे के नाम पर सिम खरीदना मुश्किल होगा. अपने मौजूदा नंबर के लिए अगर आप सिम कार्ड बदलते हैं, तो आपको अपना आधार कार्ड तथा डेमोग्राफिक डेटा दोनों देना होगा.
10 लाख तक का जुर्माना :-
नियमों की अनदेखी पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है. ये जुर्माना सेलर पर लगेगा. सेलर्स का वेरिफिकेशन 30 नवंबर तक टेलीकॉम ऑपरेटर्स को करना था.
9 सिम कार्ड ही खरीद सकेंगे
बल्क सिम कार्ड के नियमों में भी परिवर्तन हुआ है. किसी इंडीविजुअल को बल्क सिम कार्ड खरीदने के लिए उसके पास बिजनेस कनेक्शन होना आवश्यक है. अपनी ID पर एक यूजर अधिकतम 9 सिम कार्ड ही खरीद सकता है.
90 दिनों का वक्त:-
सिम कार्ड डिएक्टिवेट होने के 90 दिनों के पश्चात् ही वो नंबर किसी दूसरे शख्स को जारी किया जाएगा. 3 माहों के इस अंतराल में यूजर्स इस नंबर से जुड़े अपने डेटा को डिलीट कर सकते हैं.
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