नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के झारखंड एवं ओडिशा स्थित विभिन्न ठिकानों पर आयकर की छापेमारी में करोड़ों रुपये नगद जब्त हुए हैं. शुक्रवार को एक साक्षात्कार के चलते सांसद श्री साहू ने पहली बार मीडिया के सामने इस मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि आयकर द्वारा बरामद पैसा उनके परिवार से जुड़ा व्यवसाय का है. इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, बरामद पैसों के ‘काला धन’ होने के भारतीय जनता पार्टी के दावों पर श्री साहू ने कहा कि यह आयकर विभाग तय करेगा. वक़्त आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जायेंगी.
सांसद साहू ने कहा- यूं तो मैं वर्ष 1977 में ही राजनीति में आ गया था, किन्तु सक्रिय राजनीति में 30-35 सालों से हूं. मेरे बड़े भाई शिव प्रसाद साहू दो बार रांची के सांसद रहे. मेरे पिता स्व बलदेव साहू बड़े समाजसेवी थे. उन्होंने हमेशा गरीबों की सहायता की. हमारे परिवार ने रांची, लोहरदगा और ओडिशा में कई विकास कार्य किये. कई स्कूल एवं कॉलेज खोले. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो पैसा पकड़ा गया है, वह मेरे परिवार से जुड़े फर्म का है. हमारा परिवार लगभग 100 वर्ष से अधिक समय से शराब का कारोबार चला रहा है. इस के चलते हमने सरकार को काफी रेवेन्यू भी दिया है. इसके बाद भी आयकर की छापेमारी की यह घटना पहली बार मेरे साथ हुई, जिससे दिल में गहरी चोट पहुंची है. तब मैं दिल्ली में था. उस वक़्त भी मैं मीडिया के समक्ष अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन शर्म से सामने नहीं आया.
सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा- परिवार संयुक्त परिवार है. 6 भाई और उनके बच्चे हैं. मैं सिर्फ राजनीति पर ध्यान देता हूं, कारोबार मेरे परिवार के सदस्य देखते हैं. मैं बस कभी-कभार बिजनेस के बारे में पूछ लेता हूं. बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नमक फर्म हमारे रिश्तेदार का है. हमारा शराब बनाने का व्यवसाय है तथा यह पूरी तरह से पारदर्शी है. चूंकि शराब का पूरा कारोबार नगद पैसों से चलता है. इसलिए आयकर की कार्रवाई में जो पैसा बरामद हुआ है, इसी कारोबार का है. घरवालों से जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके मुताबिक, वह पैसा महुआ खरीदने और रेवेन्यू आदि के मद में देने के लिए रखा गया था. इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है. जो भी पैसा जब्त हुआ है, वक़्त आने पर मेरे परिवारवाले उसका हिसाब आयकर विभाग को देंगे. मैं भी जनता को इसके बारे में जानकारी दूंगा.
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