रांची: भारत की बैंक प्रमुख आरबीआई अब बैंकों में रखे सिक्कों को भी बाजार में लाने का विचार कर रही है, एटीएम में केश की कमी को देखते हुए आरबीआई ने यह निर्णय लिया है. एक ओर जहां रांची के बाजार में 100 करोड़ मूल्य सिक्के पडे़ हुए हैं वहीं दूसरी ओर आरबीआइ की ओर से बैंक के चेस्ट में पडे़ सिक्कों को भी बाजार में उतारने का दबाव बनाया जा रहा है. बैंक अधिकारियों को आरबीआइ की ओर से बार-बार मौखिक निर्देश दिया जा रहा है कि चेस्ट में रखे हुए पैसों को जल्द से जल्द बाजार में उतारा जाए.
जबकि बैंक अधिकारीयों का कहना है कि बैंक में सिक्के रखने का स्थान तय नहीं है और अगर बाजार की बात की जाए तो वहां हालत और ख़राब है. बाजार के हर बड़े उद्योगपति के 3 -4 रु लाख के सिक्के आसानी से पड़े हुए हैं. इसके चलते बाजार में सिक्कों की भरमार है. हालत यह है कि थोक बाजार में बिलिंग भी राउंड फिगर में की जा रही है. अगर बिल 206 रु का होता है, तो या तो 200 रु लिए जाते हैं या 210 रु वसूले जाते हैं.
क्योंकि बाजार में सिक्कों की भरमार देखकर अब ग्राहक भी सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं, कई जगहों पर तो सिक्कों को लेकर झड़प भी हो चुकी है. इससे परेशान होकर कई व्यवसाई संगठन सिक्कों को लेकर प्रदर्शन करने की योजना भी बना रहे हैं, व्यवसायी बोरे में सिक्कों को भरकर आरबीआई और विभिन्न बैंकों के ब्रांच के समक्ष प्रदर्शन करेंगे. ऐसे में अगर बैंकों द्वारा और अधिक सिक्के बाजार में उतार दिए गए तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है.
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