नई दिल्ली: जाने माने पुरातत्वविद के. के. मुहम्मद ने एक कार्यक्रम के दौरान कुतुब मीनार के पास मौजूद ‘कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद’ को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुहम्मद ने कहा है कि इस मस्जिद का निर्माण मंदिरों को तोड़कर किया गया है. मीडिया से बात करते हुए के. के. मोहम्मद ने कम्युनिस्ट इतिहासकारों पर झूठा इतिहास परोसने का भी इल्जाम लगाया है.
के. के. मोहम्मद ने कहा कि, ‘मैं बहुत समय से बोल रहा हूं कि कुव्वत उल इस्लाम जो मस्जिद है, उसे मंदिरों को तोड़ कर ही बनाया गया है. यदि आप उसमें जाएंगे तो काफी सारी मूर्तियां उसमें आज भी मिलेंगी. उसमें गणेशजी और विष्णुजी और भी ढेर सारी प्रतिमाएं मौजूद है. कुव्वत उल इस्लाम से पहले वहां शुद्ध रूप से हिंदू और जैन संरचना थी. 27 मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. मंदिरों को तोड़ने का काम 1192 में, जब हमला हुआ था तभी से आरंभ हो गया था. जब पृथ्वीराज चौहान को मोहम्मद गौरी ने हराया था.'
इसके साथ ही पुरातत्वविद ने कम्युनिस्ट इतिहासकारों पर गलत इतिहास परोसने का इल्जाम लगाते हुए कहा कि, 'दरअसल, जो कम्युनिस्टों का इंटरप्रिटेशन है, वो बहुत डैमेजिंग रहा है. उन लोगों ने बाबरी-अयोध्या के मामले में जो भूमिका निभाई है. यदि वह नहीं होते तो और गलत चीज़ें नहीं दर्शाते, तो यह मुद्दा बहुत पहले सुलझ चुका होता. इन्होंने बहुत गलत बातें दर्शाई हैं, जिसकी वजह से हम वर्षों तक इस मुद्दे को सुलझा नहीं पाए थे'.
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