आपने शायद नखचिवन का नाम कभी न सुना हो. अजरबैजान का यह स्वायत्त गणराज्य ट्रांस-काकेशियन पठार पर मौजूद है. नखचिवन चारों ओर से अर्मेनिया, ईरान तथा तुर्की के मध्य फंसा है. यह पहले सोवियत संघ के सबसे भिन्न-भिन्न आउटपोस्ट में से एक है, तथा यहां ना के बराबर पर्यटक आते हैं. अर्मेनिया की 80-130 किमी चौड़ी पट्टी इसे अपने देश अजरबैजान से भिन्न करती है. साढ़े चार लाख की आबादी विश्व के सबसे बड़े लैंडलॉक एक्सक्लेव में रहती है.
इसका क्षेत्रफल बाली के समान है. यहां सोवियत काल की बिल्डिंग हैं. सोने से जड़ी गुंबद वाली मस्जिदें हैं, तथा लोहे की जंग जैसे लाल रंग के पहाड़ हैं. यहां के एक ऊंचे मकबरे में हजरत नबी को दफनाया गया था. पहाड़ पर बने मध्यकालीन किले को लोनली प्लैनेट ने "यूरेशिया का माचू पिचू" करार दिया था. नखचिवन की राजधानी बहुत स्वच्छ है. हर हफ्ते सरकारी कर्मचारी यहां पेड़ लगाते हैं, तथा सफाई करते हैं.
साथ ही बिखरते सोवियत संघ से सबसे पूर्व यहीं स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी, लिथुआनिया से कुछ माह पूर्व. उसके एक पखवाड़े पश्चात् ही यह अजरबैजान में सम्मिलित हो गया था. अजरबैजान की राजधानी बाकू से 30 मिनट की फ्लाइट लेकर नखचिवन सिटी पहुंचने से पूर्व मुझे इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी. बीते 15 वर्ष में मैं सोवियत संघ से अलग हुए दूरदराज के क्षेत्रों की सैर करता रहा हूं. मैंने रूसी भाषा सीखी, ट्रांसनिस्ट्रिया जैसे छोटे देश पहुंचा, ताजिकिस्तान तथा किर्गिस्तान के इलेक्शन को देखा. परन्तु नखचिवन की यात्रा नहीं कर सका. इसी के साथ ये देश बहुत ही शानदार है.
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