रोम: बीते कई दिनों से दुनियाभर में लोगों पर मौत का साया बनकर मंडराता हुआ कोरोना वायरस आज कई लोगों की जान ले भी चुका है, इस वायरस के कारण आज दुनियाभर में ऐसा कोई भी कोना शेष नहीं बचा है जंहा इसकी चपेट में आने से लोगों की मौत न हुई हो. वहीं इस वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर दिन कोई न कोई नए मामले सामने आ रहे है. जंहा अब भी यह नहीं कहा जा सकता है कि इस वायरस के प्रकोप से कब तक निजात मिल सकता है. वहीं अभी तक कोरोना और उसकी बढ़ती महामारी के कारण 1 लाख 70 हजार से अधिक लोगों की जाने जा चुकी है. वहीं इटली में इस वायरस का प्रकोप कम होता नज़र आ रहा है.
इटली में संक्रमित लोगों की संख्या में पहली बार गिरावट: इटली में फरवरी में संक्रमण का पहला मामला सामने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि वायरस से ग्रसित लोगों की संख्या में गिरावट आई है. नागरिक सुरक्षा सेवा के मुताबिक, संक्रमित पाए जाने के बाद 108,237 लोगों का या तो अस्पताल में इलाज किया गया अथवा घरों में इनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा था. यह संख्या रविवार के मुकाबले 20 कम है. इटली में पिछले चौबीस घंटे में 454 लोगों की मौत हुई, जो रविवार के मुकाबले कुछ ज्यादा है. लेकिन नए मामलों में कमी आई है. एक महीने बाद पहली बार 2,256 नए मामले सामने आए. मृतकों की कुल संख्या 24,114 हो गई है, जबकि 1,81,228 लोग अब तक संक्रमित हुए हैं.फ्रांस में भी पिछले चौबीस घंटे में 547 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार को पार करते हुए 20,265 पर पहुंच गया है. 2,489 नए मामले मिले हैं और संक्रमितों की संख्या 1,55,383 हो गई है.
इटली में लोगों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराने की मांग: इटली के वैज्ञानिक चाहते हैं कि सरकार लोगों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराए, जिससे यह पता लग सके कि लोग कितने दिनों तक अपने घरों में रह सकते हैं. इटली के एक समाचार पत्र के मुताबिक वैज्ञानिक यह समझना चाहते हैं कि इटली के लोग लॉकडाउन को सहन करने में कितने सक्षम हैं. अखबार में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते इस सप्ताह सोशल डिस्टेंसिंग के नए दिशा-निर्देशों का एलान करेंगे, जिसमें यह टेस्ट भी शामिल हो सकता है. इटली में मार्च की शुरुआत में लॉकडाउन का एलान किया गया था. बाद में धीरे-धीरे इसे और कड़ा किया गया था.
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