बैंगलोर: कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में गड़बड़ियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज शुक्रवार (12 जुलाई) को कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र को हिरासत में ले लिया है. सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्री नागेंद्र को पूछताछ के लिए उनके आवास से ED ऑफिस लाया गया है. बता दें कि, बी नागेंद्र के पास अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्रालय का जिम्मा था, भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद 6 जून को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नागेंद्र ने ED ऑफिस जाते समय मीडिया से कहा कि, 'मुझे मेरे घर से लाया जा रहा है, इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता.' उल्लेखनीय है कि इस मामले में ED ने बीते दो दिनों में कई स्थानों पर तलाशी ली है. जिसमे पूर्व मंत्री नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस MLA बसनगौड़ा दद्दल से जुड़े परिसर भी शामिल हैं. सूत्रों ने बताया है कि ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज केस के तहत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में तक़रीबन 20 स्थानों पर छापेमारी की है. इस निगम से संबंधित अवैध धन हस्तांतरण का मामला तब उजागर हुआ था, जब इसके लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखरन पी ने 26 मई को ख़ुदकुशी कर ली थी.
अफसर चन्द्रशेखरन ने अपने सुसाइड नोट में बताया था कि, निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत हस्तांतरण किया गया था. उसमें से 88.62 करोड़ रुपये गैर कानूनी रूप से बड़ी IT कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक सहित अन्य के विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए गए थे. चन्द्रशेखरन ने अपने इस नोट में निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगन्नावर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया था, साथ ही ये भी बताया था कि ये पूरा काम एक मंत्री के कहने पर किया गया था.
अब इस विभाग के मंत्री कांग्रेस नेता नागेंद्र ही थे, जिसके बाद वे राडार पर आए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने SIT गठित की है. इस मामले में SIT ने भी मंगलवार को नागेंद्र और दद्दल से पूछताछ की थी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुंबई हेडक्वार्टर ने भी एमजी रोड शाखा से जुड़े निगम के धन के गबन के मामले में CBI में शिकायत दर्ज कराई है.
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र को पुलिस ने हिरासत में लिया, जानिए क्या है कारण ?