चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं और एक बार फिर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है। अंबाला कैंट सीट से बीजेपी के नेता अनिल विज से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार परविंद्र सिंह परी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव हारने का मामला नहीं है, बल्कि चुनाव हरवाने का है। परविंद्र का कहना है कि पार्टी ने एक बागी उम्मीदवार खड़ा करके षड्यंत्र रचा और इसी वजह से उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
कुमारी शैलजा की नाराजगी पर पूछे गए सवाल के जवाब में परविंद्र ने कहा कि इस बारे में शैलजा ही सही से बता सकती हैं, लेकिन अगर वे सही समय पर आतीं, तो चुनाव के नतीजे अलग हो सकते थे। परविंद्र ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को गलत जानकारी दी गई और उन्हें भ्रमित किया गया। उन्होंने बताया कि एक प्वाइंट दिया गया था कि राहुल गांधी वहां से गुजरेंगे और सभी कार्यकर्ताओं को वहां इकट्ठा होना था। लेकिन जब राहुल गांधी का काफिला वहां पहुंचा, तो उन्हें बताया गया कि यह इलाका अंबाला विधानसभा का नहीं है। यह जानकर राहुल गांधी हैरान रह गए। परविंद्र ने आगे कहा कि हरियाणा के लोग इस बात से हैरान हैं कि एक ही परिवार, जो छह बार चुनाव हार चुका है, उसे फिर से टिकट दी जाती है। जब वे टिकट मिलने से नाराज हुए, तो उन्होंने अपनी बेटी को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अंबाला छावनी से उतारा। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही और कार्यकर्ता हैं और पार्टी के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी सफल बनाने के लिए चार दिनों तक बिना सोए काम किया था।
हरियाणा में बीजेपी पिछले 10 साल से सत्ता में है और इस बार फिर से सत्ता हासिल कर तीसरी बार हैट्रिक लगाई है। पार्टी ने इस बार 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस गठबंधन को 37 सीटें मिलीं। आईएनएलडी गठबंधन ने दो सीटें जीतीं और जेजेपी इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। अन्य के खाते में तीन सीटें गईं। इस बार हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में वोट डाले गए थे और मतदान प्रतिशत 67.9% रहा। ऐलनाबाद में सबसे ज्यादा 80.61% और बड़खल में सबसे कम 48.27% मतदान हुआ। पिछली बार की तुलना में इस बार हरियाणा में बीजेपी ने अकेले बहुमत हासिल कर लिया है। पिछली बार उन्हें बहुमत नहीं मिला था, और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई गई थी, लेकिन मार्च में यह गठबंधन टूट गया। फिलहाल, हरियाणा में एनडीए के पास 43 और इंडिया ब्लॉक के पास 42 सीटें हैं।
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