कई बार लोग अपनी जिंदगी से परेशान हो जाते हैं और उन्हें एक ही रास्ता समझ में आता है. वो है आत्महत्या का रास्ता. परेशान लोगों को लगता है उन्हें आत्महत्या के लिए सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा. लेकिन मरने वाले ये तो समझत ही गए होंगे कि क्या होता है आत्महत्या करने का परिणाम. जी हाँ, आपको बता दें, इससे ना तो आप सुखी रह पाते हैं ना ही दुखी. इसका मतलब है आप जीते जी जो भुगतते हैं उससे कहीं ज्यादा कष्ट आपको आत्महत्या के बाद होता है. अगर आपके दिमाग में भी ये सब आ रहा है तो एक बार इस आर्टिकल को पढ़ें.
दरअसल, लोगों का मानना है आत्महत्या से सब कुछ ठीक हो जाता है. लेकिन जो खुद की हत्या करता है उसे न तो स्वर्ग मिलता है और ना ही नर्क. बल्कि उसकी आत्मा हमेशा भटकती रहती है और कई दुःख उसे सहने होते हैं. मरने के बाद असल में क्या होता है इसकी व्याख्या गरुड़ पुराण में लिखी हुई है. पुराण में लिखा है आपको अपने पापों को परिणाम हर हाल में भोगना होता है. चाहे आप जीवित रहें या फिर आत्महत्या कर लें.
अगर आप आत्महत्या करते हैं तो आपकी आत्मा को कई परेशानी झेलनी होती है. उनकी आत्मा ऐसे लोग में जाती है जहाँ ना तो रौशनी होती, ना पानी होता है और पानी के लिए आत्मा हमेशा तड़पती है अपने बुरे कामों को याद करती है. अगर आप ऐसा मानते हैं कि आत्महत्या के बाद आपकी परेशानी खत्म हो जाती है तो आप गलत हैं. मरने के बाद आपको भगवान के बनाये हुए नियम तोड़ने का कठोर दंड भोगना होता है जी जीवन के दुःख से कहीं ज्यादा होता है.
इतना ही नहीं आपकी आत्मा को तब तक मुक्ति नहीं मिलती जब तक आपका निर्धारित समय पूरा ना हो जाता. अगर आप समय से पहले खुद की हत्या कर लेते हैं तो आपकी आत्मा उस समय को भटक कर पूरा करती है. ऐसी आत्माओं को न स्वर्ग मिलता है ना ही नर्क मिलता है. इसके अलावा वो अपने जीवन में भी नहीं लौट पाती और दर-ब-दर भटकने को मजबूर हो जाती है.
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