नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नई शराब पर मचे बवाल के बाद एक सितंबर से पुरानी आबकारी नीति लागू कर दी गई थी. इसके तहत सितंबर के माह में अब तक दिल्ली में लगभग ढाई करोड़ शराब की बोलतें बिकी हैं. हालांकि 25 दिनों के हिसाब से यह बिक्री औसत से कुछ कम है, शराब विक्रेता आबकारी नीति में बदलाव और श्राद्ध के महीने के मद्देनज़र इसे आने वाले महीनों के लिए अच्छे संकेत मान रहे हैं.
दरअसल, दिल्ली में नई शराब नीति को लेकर जमकर बवाल मचा था. इसके बाद केजरीवाल सरकार ने पलटी मारते हुए पुरानी शराब नीति लागू कर दी थी. जानकारी के अनुसार, सितंबर में दिल्ली में शराब की 500 से ज्यादा सरकारी दुकानें खोली गईं. राजधानी में अमूमन औसतन रोजाना करीब 15 लाख शराब की बोतलें बिकती हैं, यानी एक माह में लगभग साढ़े चार करोड़ बोतलें बिकती है. ऐसे में आने वाले दिनों में मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही हैं. शराब विक्रेताओं का मानना है कि आने वाले त्योहारी मौसम खास तौर पर दीवाली को देखते हुए भी बिक्री में बढ़ोतरी होगी.
अब तक दिल्ली के आबकारी विभाग को करीब 680 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है. माना जा रहा है कि ये आंकड़ा इस महीने 700 करोड़ के स्तर के पार पहुँच जाएगा. मगर, इस कमाई का एक बड़ा हिस्सा पुरानी शराब नीति के तहत ब्रांड रजिस्ट्रेशन के साथ ही होटल और पब के लाइसेंस रिन्युअल से भी आया है.
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