श्रीनगर: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का आज यानी सोमवार (30 जनवरी) को समापन हो गया. इस दौरान कांग्रेस ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में एक जनसभा का आयोजन किया. जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि, मैंने गांधी जी से सीखा है कि जीना है, तो डरे बिना जीना है. मैं 4 दिन तक यहां ऐसे पैदल चला. मैंने बस यही सोचा कि बदल दो मेरी टीशर्ट का रंग, लाल कर दो. मगर जो मैंने सोचा था, वही हुआ. जम्मू कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं दिया, बल्कि प्यार दिया. दिल खोलकर मुझे प्यार दिया. अपना माना. प्यार से, आंसुओं से मेरा स्वागत किया.
रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा कि 4 दिन मैंने जैसे पैदल कश्मीर की यात्रा की, भाजपा का कोई नेता ऐसे यात्रा नहीं कर सकता. ऐसा इसलिए नहीं, क्योंकि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें पदयात्रा नहीं करने देंगे, बल्कि ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा के लोग डरते हैं. राहुल ने आगे कहा कि, वे बहुत सालों से हर दिन 8-10 किमी दौड़ते हैं. ऐसे में उन्हें लगा था कि कन्याकुमारी से कश्मीर चलने में इतनी समस्या नहीं होगी. यह यात्रा आसान रहेगी. उन्होंने कहा कि थोड़ा सा अहंकार आ गया था. राहुल ने कहा कि, बचपन में फुटबॉल खेलने के दौरान मुझे घुटने में चोट लग गई थी. कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई, तो घुटने में दर्द होने लगा, मगर कश्मीर आते आते ये दर्द खत्म हो गया.
कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि, मुझसे पहले प्रियंका गांधी यहां स्टेज पर आई थीं. उन्होंने ऐसी बात कही कि मेरी आंख में आंसू आए. दरअसल, प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए बताया है कि कश्मीर पहुंचने से पहले राहुल गांधी ने उन्हें और सोनिया गांधी को फोन करते हुए बताया था कि उन्हें अजीब महसूस हो रहा है. उन्हें ऐसा लग रहा है कि वे अपने घर जा रहे हैं.
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