नीमच से राजेन्द्र सिंह राठौड़ की रिपोर्ट
नीमच। एन.एम.सिंह मीना,अपर सत्र न्यायाधीश, जावद द्वारा अवैध संबंध बनाये जाने से इंकार किये जाने की रंजीश के कारण चाकू से गला काटकर हत्या करने वाले आरोपी प्रकाश पिता रामसिंह औढ़, उम्र-33 वर्ष, निवासी-ग्राम धाकड़खेड़ी, अठाना सिपाही मोहल्ला, थाना जावद, जिला नीमच को धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास व 5000रू. जुर्माना तथा धारा 25 आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 500रू. जुर्माना की राषि से दण्डित किया।
विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 4 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 16.03.2018 देर रात्री की सिपाही मोहल्ला, देवनारायण मंदिर के सामने, ग्राम अठाना की हैं। फरियादी दयाल औढ़ जो कि मृतिका पुष्पाबाई का पति हैं, उसके द्वारा पुलिस जावद को घटना की जानकारी देते हुवे बताया गया कि घटना दिनांक को रात्री को भोजन के पश्चात् वह नदी के किनारे झोपड़ी में सोने के लिये चला गया तथा उसकी पत्नी पुष्पाबाई व बच्चे मंदिर के बरामदे में सोने के लिये चले गये। रात्री के लगभग 12 बजे उसे पुष्पाबाई के चिल्लाने व जोर-जोर से रोने की आवाज आई तो उसने बहार आकर देखा तो पुष्पाबाई मंदिर के चौक में पड़ी हुई थी, जिसके आस-पास उसके बच्चे भी खड़े हुवे थे तथा पुष्पाबाई का गला कटा हुवा होकर वह खुन से लथपथ थी।
पुष्पाबाई ने बताया कि उसका भाणेज आरोपी प्रकाश औढ़ पिछले कुछ दिनों से उसको अवैध संबंध बनाने के लिये परेशान कर रहा था, उसने मना कर दिया तो इसी रंजीश को लेकर धारदार चाकू से उसका गला काट दिया। थोडी देर में पुष्पाबाई की मृत्यु हो गई। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना जावद में अपराध क्रमांक 83/2018, धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 व धारा 25 आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।
प्रकरण में थाना प्रभारी विवेचक निरीक्षक संजय सिंह द्वारा विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर उससे घटना में प्रयुक्त चाकू को जप्त किया गया तथा आवश्यक चश्मदीद व वैज्ञानिक साक्ष्य को एकत्रित करके विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुवे इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया।
जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियेजक द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी, चश्मदीद साक्षीगण व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान करवा कर आरोपी द्वारा अवैध संबंध बनाये जाने से इंकार किये जाने की रंजीश के कारण चाकू से गला काटकर पुष्पाबाई की हत्या किये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावाव व 5000रू. जुर्माना तथा धारा 25 आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 500रू. जुर्माना की राशि से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की ।
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