नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर समाप्त हो चुका है, जो बातचीत पिछले दौरों में हो चुकी है, वो हो चुकी। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान ने खुद बिना रुकावट वार्ता का दरवाजा बंद कर दिया है। अब भारत की तरफ से पाकिस्तान के प्रत्येक सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में उत्तर दिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में एक किताब के विमोचन के दौरान कहा कि पड़ोसी सदैव समस्या बने रहते हैं। अगर हम विश्व के किसी भी देश को देखें, तो वहां भी पड़ोसी देश समस्या बने हुए हैं, क्योंकि पड़ोसियों के साथ संबंधों को बनाए रखना सबसे कठिन काम होता है। कुछ समस्याओं को कभी सुलझाया नहीं जा सकता। जयशंकर ने कहा कि पड़ोसियो के साथ समस्या निरंतर बनी रहती है। लोग कई दफा कहते हैं कि बांग्लादेश में ये हो रहा है, मालदीव में वो हो रहा है। लेकिन, मैं कहता हूं कि उन्हें पूरी दुनिया में देखने की आवश्यकता है कि ऐसे कौन से देश हैं, जिनकी अपने पड़ोसी देशों के साथ समस्या नहीं हैं। मुझे लगता है कि पड़ोसियों का ये स्वाभाव ही होता है कि उनके साथ संबंध हमेशा एक जैसे नहीं रहते।
पाकिस्तान को लेकर जयशंकर ने कहा कि, उसके साथ बातचीत का दौर अब ख़त्म हो चुका है। ये याद रखने की आवध्यकता है कि प्रत्येक एक्शन का रिएक्शन होता ही है। जहां तक जम्मू कश्मीर का प्रश्न है, तो अनुच्छेद 370 हटाया जा चुका है। मगर आज मुद्दा ये है कि पाकिस्तान से हमारे कैसे संबंध हो सकते हैं ? आज हम चुप नहीं रह सकते, पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में जवाब देना ही होगा।
इसके साथ ही जयशंकर ने भारत के साथ पाकिस्तान के बिगड़ते संबंधों के लिए पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार को जिम्मेदार करार दिया, और कहा कि प्रॉब्लम ये है कि 2019 के बाद इमरान सरकार ने ऐसे कदम उठाए जिनसे दोनों देशों के रिश्ते बिगड़े। हमने कुछ नहीं किया, जो कुछ भी हुआ वो उनकी तरफ से ही हुआ। उन्होंने बांग्लादेश की स्थिति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध उसकी स्थापना के दौर से ही उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि वहां बड़े सियासी उलटफेर हुए हैं। हमें यहां आपसी हितों को ध्यान में रखना होगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान को लेकर जयशंकर का ये बयान ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने पीएम नरेंद्र मोदी को अक्तूबर माह में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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