नई दिल्ली: पीएम मोदी कल रात देशवासियों के सामने आए और 21 दिन के लॉकडाउन का सख्त ऐलान कर दिया। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह कितना आवश्यक है इसके पीछे की बात अब सामने आई है। दरअसल, बीते दिनों 64 हजार के लगभग भारतीय और विदेशी यहां पहुंचे हैं। यह बीमारी बाहर से ही भारत में आई है, ऐसे में इन लोगों का भारत लौटना खतरे की घंटी जैसा है। इसी कारण सरकार ने पूरे भारत में लॉकडाउन और कई जगहों पर कर्फ्यू का भी ऐलान कर दिया है।
स्वस्थ्य मंत्रालय से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि आकंड़े देखें तो कोरोना वायरस के केस अब भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका कारण विदेश से लौटे लोग ही हैं। देश में बुधवार तक कोरोना के 562 मामले दर्ज किए गए है । इनमें से 40 स्वस्थ हो चुके हैं, वहीं 9 की मौत हुई है। अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का मुख्य कारण लोगों की लापरवाही है। दरअसल विदेश से आए 8000 लोगों को तो 14 दिन के लिए शिविर में रखा गया है। बाकि लोगों को होम क्वारंटाइन होने के लिए कहा गया है। लेकिन इसके बाद भी कई मामले ऐसे सामने आए हैं कि ऐसे लोग ट्रेन, सड़क पर घूमते पाए गए। ऐसे में वह खुद या जिनके संपर्क में वे आए, कोरोना वायरस के वाहक हो सकते हैं।
अब 21 दिन का लॉकडाउन लगाने के पीछे सरकार का इरादा यही है कि बाहर से आए लोगों में से किसी को अगर कोरोना है भी तो वह उसे फैला न पाए। इस दौरान जिसमें लक्षण आने होंगे, 14 जिन में नज़र आ जाएंगे। उनका उपचार भी शुरू हो जाएगा वहीं जो पहले से पॉजेटिव हैं उनका भी उपचार पूरा हो जाएगा।
भारत को 120 अरब डॉलर की 'चोट' देगा कोरोना, घुटनों पर आ जाएगी इकॉनमी
लॉकडाउन के साथ ही लॉक हुए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए क्या हैं आज के भाव
'हम कभी युद्धकाल में भी नहीं रुके, परिस्थिति को समझिए,' कोरोना पर रेलवे की मार्मिक अपील