नई दिल्ली: कोरोना के कारण देश के प्रत्येक वर्ग पर भारी असर पड़ा है, वही देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। आयोग ने 2 मई के दिन आने वाले चुनाव परिणामों के पश्चात् जीत का जश्न मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी तथा तमिलनाडू के चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित होंगे। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों के परिणाम भी इसी दिन आने हैं। परिणामों के पश्चात् जीत के जश्न में भीड़ न जुटे इसको लेकर चुनाव आयोग ने जीत के जश्न पर प्रतिबंध लगा दिए है।
Election Commission of India bans all victory processions on or after the day of counting of votes, on May 2nd. Detailed order soon. pic.twitter.com/VM60c1fagD
— ANI (@ANI) April 27, 2021
कल मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को जबरदस्त फटकार लगाई थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनावी रैलियों में सियासी पार्टियों की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाने पर चुनाव आयोग की खिंचाई की है। उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने बहुत कठोर लहजे में कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए केवल और केवल चुनाव आयोग ही जिम्मेदार है। इतना ही नहीं चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग के अफसरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को काउंटिंग डे मतलब 2 मई के लिए कोविड प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो काउंटिंग पर फौरन प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। कोरोना विस्फोट पर उच्च न्यायालय के गुस्से को इस बात से भी समझा जा सकता है कि चीफ जस्टिस ने ये तक कह दिया कि जब चुनावी रैलियां हो रही थीं तो क्या चुनाव आयोग किसी दूसरे ग्रह पर था।
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