कुवैत में गूंजा 'भारत माता की जय' का उद्घोष, प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासियों को दिया महाकुंभ का निमंत्रण

कुवैत में गूंजा 'भारत माता की जय' का उद्घोष, प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासियों को दिया महाकुंभ का निमंत्रण
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों कुवैत दौरे पर हैं, जहाँ उन्होंने भारतीय प्रवासियों को 'हाला मोदी' कार्यक्रम में संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने वहां मौजूद भारतीय समुदाय को 'मिनी हिंदुस्तान' का स्वरूप बताया। उन्होंने कहा कि सभी लोग अलग-अलग क्षेत्रों से आए हैं, लेकिन उनके दिलों में एक ही आवाज गूंज रही है—भारत माता की जय।  

यह दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि 43 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत के दौरे पर गया है। पीएम मोदी ने इस पर जोर देते हुए कहा कि भारत से कुवैत की दूरी केवल चार घंटे की है, लेकिन किसी प्रधानमंत्री को यहाँ आने में चार दशक लग गए। उन्होंने भारत और कुवैत के संबंधों को सभ्यता, समुद्र और व्यापार के मजबूत धागों से जुड़ा बताया। मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है, खासकर संकट के समय में। प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की सरकार का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भारतीय प्रवासियों के कल्याण के लिए कई प्रयास किए हैं।

उन्होंने भारतीय श्रमिकों के समर्थन के लिए 'ई-माइग्रेट पोर्टल' जैसी तकनीकी पहलों का जिक्र किया और बताया कि भारत प्रवासी भारतीयों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय प्रवासियों को जनवरी 2025 में भारत में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस और महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।   अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत और कुवैत के ऐतिहासिक संबंधों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि मुंबई के बाजारों में कुवैत की पहचान हमेशा रही है, वहीं गुजरात से कुवैत के व्यापारियों के गहरे संबंध रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एक समय था जब भारतीय मुद्रा कुवैत में चलती थी।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने संकट के समय हमेशा एक-दूसरे की मदद की है। कोरोना महामारी के दौरान कुवैत ने भारत को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति की थी, जब भारत को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रगति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है। इसके अलावा, भारत मोबाइल निर्माण में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। उन्होंने मंगलयान और चंद्रयान की सफलताओं का भी जिक्र किया और कहा कि इन उपलब्धियों पर हर भारतीय को गर्व है।  

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत पूरे विश्व को एक परिवार मानता है और इस विचार के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया इंटरनेशनल योगा डे मना रही है, जो भारत के योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला रहा है। इसके अलावा, भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ वैश्विक स्वास्थ्य को समृद्ध कर रही हैं, और भारतीय अनाज जैसे श्रीअन्न अब पोषण और स्वस्थ जीवनशैली का आधार बन गए हैं।  

अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत उनके साथ हमेशा खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि चाहे वे दुनिया में कहीं भी रहें, वे उस देश का सम्मान करते हैं और अपनी भारतीयता को दिल में संजोए रखते हैं। उन्होंने प्रवासियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे भारत की संस्कृति और मूल्यों को दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं।  

प्रधानमंत्री का यह दौरा भारतीय प्रवासियों के लिए न केवल भावनात्मक रूप से जुड़ने का मौका बना, बल्कि भारत और कुवैत के बीच व्यापार, सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपने प्रवासी नागरिकों को मजबूत समर्थन देता रहेगा और उनकी भलाई के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।

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