अफगानिस्तान में यूएस और गठबंधन के सैनिकों को मारने के लिए तालिबान से जुड़े आतंकवादियों को रशियन मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट की ओर से इनाम दिए जाने के मामले में रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हाल ही में इस सप्ताह में अब तक इस मामले में कई जानकारियां सामने आ चुकी हैं। बीते कुछ दिनों पहले व्हाइट हाउस की ओर से इस बारे में कहा गया था कि होने वाली खुफिया जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नहीं दी जाती है। बीते मंगलवार को व्हाइट हाउस के दो अधिकारियों ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि रशियन मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट की ओर से अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए पैसे दिए गए थे, इसके बारे में राष्ट्रपति को लिखित में सूचना पहले ही दे दी गई थी, राष्ट्रपति को पढ़ने के लिए जो नोट तैयार किए जाते हैं उसी नोट्स में ये जानकारी उनकी टेबल पर लिखित में पहुंचाई गई थी।
वही इन अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप को पढ़ने के लिए जो नोट्स तैयार किए जाते हैं उसी में फरवरी माह में इस मुद्दे को भी शामिल किया गया था, उनको नोट तैयार करके दिया गया था जिसमें ये स्पष्ट रूप से लिखा गया था, कि खुफिया अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि रूस अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए आतंकियों को इनाम देने की बात कह रहा है।
उसके साथ ही यह जानकारी अब मिली है कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों और विशेष अभियान दलों ने इस रूसी साजिश के बारे में जनवरी 2020 के आरम्भ में ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही सतर्क कर दिया था, उसके पश्चात् उनके द्वारा एक नोट जारी किया गया,तत्पश्चात उसे ट्रम्प के सामने रखा गया था. वही खुफिया अधिकारियों को एक महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई थी, उस जानकारी पर कार्य करते हुए अधिकारियों ने तालिबान की चौकी पर एक छापेमारी की, उनको वहां से बड़ी मात्रा में अमेरिकी नकदी मिली जिससे इस बात का संदेह हुआ कि सैनिकों को मारने के लिए इन आतंकियों को पैसे दिए गए। ख़ुफ़िया अधिकारियो द्वारा पकड़े गए आतंकवादी से कि गई पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ.
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