फिल्म 'पद्मावत' पर राजस्थान की करणी सेना ने यह आरोप लगाया था कि, इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ के साथ तथ्यों में भी फेर बदल किया गया है. करणी सेना ने इस बात का अंदेशा लगाया था कि, फिल्म में रानी पद्मावती और खिलजी के बीच दर्शाये गए सीन्स से उनको ठेस पहुंची है. लेकिन अभी कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ़ कर दिया है कि 'पद्मावत' देश के सभी राज्यों में रिलीज़ की जाएगी, अब इस पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है. करणी सेना ने कहा कि फिल्म में दीपिका को घूमर करते हुए दिखाया है, जबकि रानी पद्मिनी घूमर करती ही नहीं थी.
इस पूरी फिल्म का विवाद तब शुरू हुआ जब 27 जनवरी को राजस्थान के जयपुर के जयगढ़ किले में इसकी शूटिंग चल रही थी. इसी बीच सेट पर करणी सेना के कुछ लोग वहाँ पहुंच गए और तमाशा करने लगे. उन्होंने भंसाली के बाल नोचे और उन्हें थप्पड़ भी मारा. इस विवाद के चलते भंसाली ने अपनी शूटिंग लोकेशन चेंज करके कोल्हापुर शिफ्ट करली, लेकिन तब भी विवाद जस का तस ही था. और 14 मार्च की रात उसी करणी सेना के लोगों ने पेट्रोल बम की मदद से वहां का भी सेट जला डाला.
हाल ही में 26 सितम्बर को आये एक वीडियो से यह पूरा विवाद और गरमा गया. इस वीडियो में करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के साथ संयोजक उम्मेद सिंह को दिखाया गया था. इस फिल्म के विरोध को बंद करने के बदले वह उनसे डेढ़ करोड़ रुपयों की मांग कर रहे थे. यह है करणी सेना का आतंकी रूप, जो बेमतलब की अपनी तानाशाही झाड़ रही है. देखा जाए तो इस विवाद के पहले करणी सेना की पहचान थी ही नहीं.
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