नई दिल्ली: धरती के कई भागों में भीषण सूखा, अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की घटनाओं में और भी ज्यादा तेजी देखने के लिए मिल रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के नेचर वॉटर जर्नल में प्रकाशित नवीन अध्ययन में यह जानकारी भी सामने आ चुकी है। अध्ययन में इस बारें में बोला गया है कि, वैज्ञानिक धरती के गर्म होने और जलवायु परिवर्तन के चलते सूखे और बाढ़ की घटनाओं की निरंतरता और गंभीरता की भविष्यवाणी भी कर रहे है।
लेकिन क्षेत्रीय और महाद्वीपीय पैमाने पर इसे साबित करना मुश्किल भी हो जाता है। नासा के दो वैज्ञानिकों के शोध ने पूर्व में किए गए अनुमानों और भविष्यवाणियों को पुख्ता भी कर चुके है।
20 साल के प्राप्त डाटा पर किया शोध: नासा के 2 वैज्ञानिकों रोडेल व बेलिंग ली के NASA/जर्मन ग्रेस और ग्रेस-एफओ उपग्रहों के माध्यम से 2002 से 2021 तक 1,056 अत्यधिक वर्षा व शुष्क घटनाओं के अध्ययन में यह सूचना सामने आ चुकी है। इन उपग्रहों से जल भंडारण विसंगतियों का पता लगाने के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण इलाके का मापांकन किया गया है।
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