देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, केदारनाथ जाने वाले ट्रेक मार्ग को 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से काफी नुकसान पहुंचा था, जिसे 15 दिनों के बंद रहने के बाद मरम्मत करके तीर्थयात्रियों के लिए फिर से खोल दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के मलबे के कारण 29 बिंदुओं पर अवरुद्ध 19 किलोमीटर का मार्ग शुक्रवार तक साफ कर दिया गया और बहाल कर दिया गया।
लगभग 260 श्रमिकों ने मार्ग की मरम्मत करने और यात्रियों के लिए इसे सुरक्षित बनाने के लिए दिन-रात काम किया। हालाँकि अब मार्ग का अधिकांश भाग सुलभ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रूप से पार करने में मदद करने के लिए अभी भी सुरक्षा कर्मियों की सहायता की आवश्यकता है। 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण हज़ारों तीर्थयात्री ट्रेक पर फंस गए थे, खास तौर पर भीमबली और लिनचोली जैसे इलाकों में। भारतीय वायु सेना, निजी हेलीकॉप्टरों और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की बचाव टीमों ने व्यापक निकासी अभियान चलाया, जिसमें 11,000 से ज़्यादा फंसे हुए लोगों को बचाया गया। लगभग एक हफ़्ते तक चले इस अभियान की निगरानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की, जिन्होंने कई बार रुद्रप्रयाग जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
भारतीय वायुसेना और निजी हेलीकॉप्टर सेवाओं के सहयोग से, एक बड़े बचाव अभियान ने केदारनाथ ट्रेक मार्ग पर फंसे 11,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सफलतापूर्वक निकाला, विशेष रूप से भीमबली और लिनचोली के प्रभावित क्षेत्रों में। यह अभियान, जिसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय पुलिस की टीमें शामिल थीं, लगभग एक सप्ताह तक चलाया गया। इन बचाव टीमों ने भूस्खलन और भारी बारिश के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित निकालने के लिए अथक परिश्रम किया। उनके समन्वित प्रयासों ने फंसे हुए लोगों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की और उन्हें सुरक्षित निकालने में मदद की।