नई दिल्ली: आधार के बाद अब आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाभार्थियों के पंजीकरण में देश भर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर के ग्रामीण स्तर उद्यमियों की भूमिका अहम हो गई है। जानकारी के अनुसार बता दें कि इस काम में सीएससी ने जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वहीं बता दें कि ये सेंटर चलाने वालों ने करीब ढाई लाख लाभार्थियों का पंजीकरण प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए किया है।
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वहीं बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण स्तर के ये उद्यमी अब तक करीब साढ़े सात लाख लाभार्थियों को आयुष्मान स्कीम के साथ जोड़ चुके हैं। इसके साथ ही बता दें कि जम्मू कश्मीर में 3500 सीएससी को करीब छह लाख लाभार्थियों के पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी तक राज्य में करीब ढाई लाख आवेदन पत्र मंजूर किए जा चुके हैं। वहीं सीएससी के सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आने वाली आयुष्मान भारत स्कीम को लेकर काफी उत्साह है।
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यहां बता दें कि यही वजह है कि आमतौर पर अशांत रहने वाले जिलों अनंतनाग, बारामुला, बडगाम, पुलवामा, कुलगाम, गंदरबल में भी बड़ी संख्या में इस स्कीम में लोग पंजीकरण कराने के लिए आगे आए हैं। सीएससी के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने बताया कि आयुष्मान भारत स्कीम के तहत सीएससी को तीन प्रमुख काम करने हैं।
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