लंदन: आंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में आज भी ऐसे कई राज है जिन पर से पर्दा उठाया जाना बाकि है और ऐसे कही पहलु है जिन्हे शायद हम कभी छू भी ना सके. विशाल और विराट ब्रह्माण्ड के बारे में लगातार दुनियाभर के वैज्ञानिकों की टीम खोज कर रही है और इसी क्रम में वैज्ञानिको ने करीब सौ नए और एक्सोप्लैनेट की खोज कर ली है.
एक्सोप्लैनेट हमारे सौर मंडल के बाहर अन्य तारों का चक्कर लगाने वाले ग्रह हैं, नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 से जुटाए डाटा से एक्सोप्लैनेटों के खोज की पुष्टि हुई है. टीम के वैज्ञानिक के अनुसार, बाहरी ग्रहों की खोज के लिए केपलर टेलीस्कोप को पहली बार 2009 में लांच किया गया था, 2013 में आई तकनीकी दिक्कत से यह टेलीस्कोप खराब हो गया था.
उन्होंने बताया कि टीम ने इसमें कुछ बदलाव कर 2014 में फिर से लांच किया, एक्सोप्लैनेट जब अपने मूल तारे का चक्कर लगाते हुए उसके सामने आ जाते हैं तो एक छाया का निर्माण होता है और प्रकाश की किरण झुक जाती है, इससे ही ग्रहों की पहचान की जाती है, खोजे गए ग्रहों में कुछ पृथ्वी के बराबर हैं तो कुछ बृहस्पति या उससे भी अधिक बड़े हैं. फ़िलहाल उपग्रह से प्राप्त जानकारियों का अध्ययन जारी है.
इसरो गढ़ने जा रहा एक और कीर्तिमान, चंद्रयान-2 जल्द होगा रवाना
इसरो में निकली 100 से अधिक भर्तियां