उज्जैन। सात दिवसीय विक्रमोत्सव का दूसरा दिन मातृशक्ति को समर्पित रहा। शहर के दशहरा मैदान एलआईसी तिराहा से विक्रमोत्सव के अन्तर्गत भव्य कलश यात्रा निकाली गई। पूरे उज्जैन शहर में सात दिवसीय विक्रम उत्सव के दौरान आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में मातृशक्ति को ध्यान में रखते हुए यह कलश यात्रा निकाली गई है। सम्राट विक्रमादित्य के ऐतिहासिक गरिमा और कीर्ति को जन-जन से रूबरू कराने के उद्देश्य से ही विक्रमोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
‘शंखोद्धार’ का लोकार्पण हुआ
कलश यात्रा निकाले जाने के पूर्व माधव नगर स्थित एलआईसी बिल्डिंग के पास श्री कावेरी शोध संस्थान उज्जैन व अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर के संयुक्त तत्वावधान में अध्ययन, ज्ञान और साहित्य के केन्द्र वाचनालय ‘शंखोद्धार’ का लोकार्पण किया गया। विधायक डॉ.मोहन यादव द्वारा यह लोकार्पण कार्यक्रम संयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती स्नेहलता श्यामसुन्दर निगम, विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास डॉ. आर सी अहिरवार, निदेशक अश्विनी शोध संस्थान डॉ. आर सी ठाकुर, निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि शंखोद्धार वाचनालय में प्राचीन साहित्य व उस काल की दुर्लभ मुद्राएं, सिक्के, मोहरें रखे गये हैं, जिससे विद्यार्थी व शोधार्थी उज्जैन के प्राचीन इतिहास का अध्ययन सुलभता से कर सकेंगे। डॉ.आरसी अहिरवार ने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान का प्रतीक है और इसका सतत संचालन होता रहेगा। यहां ऐसी दुर्लभ मुद्राएं व पुस्तकें मौजूद हैं, जो अन्यत्र कहीं नहीं मिलेंगी। विद्यार्थी इसका भरपूर लाभ लें।