विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक नाबालिग गर्भवती ने आत्महत्या कर ली। उसकी मौत का आरोप उसके प्रेमी पर लगाया गया। पुलिस ने प्रेमी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, तत्पश्चात, उसे जेल भेज दिया गया। जब मृतका के शव का पोस्टमार्टम किया गया, तो उसके एक हाथ की मुट्ठी बंद पाई गई। चिकित्सकों ने जब मुट्ठी खोली, तो सब हैरान रह गए। उसकी हथेली पर लिखे संदेश के आधार पर अदालत ने प्रेमी को जमानत दे दी।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने आरोपी प्रेमी को राहत देते हुए जमानत दी, क्योंकि पोस्टमार्टम के चलते मृतका की हथेली पर लिखा पाया गया था कि वह अपने एक भाई के कारण आत्महत्या कर रही है। इसी साक्ष्य के आधार पर आरोपी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की, तथा जस्टिस अनीता यादव ने मामले की सुनवाई के पश्चात् आरोपी को जमानत दी।
यह घटना विदिशा जिले की है, जहां 6 जून को नाबालिग गर्भवती ने खुदखुशी कर ली थी। मृतका की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 4 जून को आरोपी अमित साहू उनके घर आया था एवं उनकी बेटी से शादी का दबाव बनाया था, किन्तु बेटी ने इनकार कर दिया। अमित ने भाई-बहन को जान से मारने की धमकी दी एवं वहां से चला गया। फिर मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर उनकी बेटी ने खुदखुशी कर ली। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमित साहू के खिलाफ खुदखुशी के लिए उकसाने की धाराओं के तहत FIR दर्ज की एवं उसे 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया। 10 जून से आरोपी जेल में बंद था। पोस्टमार्टम के चलते मृतका की हथेली पर लिखे संदेश में कहीं भी आरोपी अमित साहू का जिक्र नहीं था। उसमें स्पष्ट रूप से लिखा था कि वह अपने भाई की मारपीट से तंग आकर खुदखुशी कर रही है।
आरोपी के अधिवक्ता राहुल बंसल ने अदालत में तर्क दिया कि मृतका का भाई उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था, जिसका कारण अमित का उनके घर आना-जाना था। वकील ने यह भी बताया कि नाबालिग ने अपने भाई की प्रताड़ना से तंग आकर खुदखुशी की। इन साक्ष्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली, हालांकि केस की ट्रायल अभी भी जारी रहेगी। इस मामले में मृतका की छोटी बहन, जो उसके साथ कमरे में सो रही थी, ने पुलिस को दिए बयान में 4 जून को अमित के घर आने एवं धमकी देने की बात से इंकार किया। बावजूद इसके, परिजनों के दबाव में पुलिस ने अमित साहू के खिलाफ FIR दर्ज की थी। पुलिस की थ्योरी को दरकिनार करते हुए उच्च न्यायालय ने आरोपी को जमानत दी।
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