संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद का मामला निरंतर तूल पकड़ रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद वास्तव में श्री हरिहर मंदिर है। इस सिलसिले में अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई के पश्चात् अदालत ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। इस सर्वे की वजह से इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया है, तथा विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रतिक्रिया
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने इस विवाद पर चिंता जताई है। उन्होंने अदालत के सर्वेक्षण के आदेश को लेकर गहरी नाराजगी जताई तथा कहा कि इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बने हुए हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि पुराने विवादों को उखाड़ने से देश की धर्मनिरपेक्ष बुनियादें कमजोर हो रही हैं। उन्होंने आगाह किया कि ऐतिहासिक संदर्भों को दोबारा उठाने का प्रयास राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए खतरनाक हैं।
मदनी ने बाबरी मस्जिद की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि देश अभी भी उसके प्रभावों से पूर्ण रूप से उबर नहीं पाया है। इसी पृष्ठभूमि में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 लागू किया गया था, जिससे मस्जिद-मंदिर विवादों का सिलसिला खत्म हो। सर्वोच्च न्यायालय ने भी बाबरी मस्जिद मामले में इस कानून को महत्वपूर्ण बताया था। बावजूद इसके, अदालतें इस कानून को नजरअंदाज करते हुए फैसले दे रही हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि हर दिन कहीं न कहीं मस्जिदों को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। 'सच्चाई जानने' के नाम पर अदालतों से सर्वेक्षण की अनुमति ली जाती है तथा फिर मीडिया के जरिए इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
न्यायालय से अपील
मदनी ने कहा, "हम न्यायालय का सम्मान करते हैं, मगर उन्हें अपने फैसले लेते समय यह भी देखना चाहिए कि इसके समाज एवं देश पर क्या प्रभाव पड़ेंगे।" उन्होंने आश्वासन दिया कि जामा मस्जिद की रक्षा के लिए मस्जिद प्रबंधन समिति हरसंभव प्रयास करेगी तथा आवश्यकता पड़ी तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद कानूनी सहायता भी प्रदान करेगी।
धैर्य बनाए रखने की अपील
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे धैर्य एवं संयम बनाए रखें। साथ ही, ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे सांप्रदायिक ताकतों के षड्यंत्र सफल हों। जामा मस्जिद के श्री हरिहर मंदिर होने के दावे के पश्चात् मस्जिद के अंदर पहले चरण का सर्वे आरम्भ हो गया है। इसके चलते जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर हैं। मस्जिद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने RRF के जवान तैनात कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, मस्जिद की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों एवं जिले के मुख्य चौराहों पर भी PAC बल की तैनाती की गई है। एडिशनल एसपी ने स्वयं जामा मस्जिद पहुंचकर पुलिसकर्मियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
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