चंडीगढ़: पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पुष्टि की है कि कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 13 लोकसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। विशेष रूप से, बाजवा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि बाजवा का बयान संसद में सत्तारूढ़ भाजपा और उसके NDA गठबंधन का मुकाबला करने के लिए दोनों दलों (AAP और कांग्रेस) के संयुक्त प्रयासों के बीच आया है। गौरतलब है कि AAP और कांग्रेस I.N.D.I.A नामक नवगठित विपक्षी गठबंधन के दो घटक दल हैं।
पटियाला में एक सभा में बोलते हुए, जहां बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था, बाजवा ने कहा कि भाजपा के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर AAP के साथ कांग्रेस का सहयोग, विभिन्न राज्यों के राज्यपालों और उपराज्यपालों से संबंधित मामलों पर समर्थन देने तक ही सीमित था। बता दें कि, कई राज्य इकाइयों, विशेषकर पंजाब और दिल्ली कांग्रेस गुटों के विरोध के बावजूद, कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली सेवा विधेयक के मामले पर AAP का समर्थन करने का एक रणनीतिक विकल्प चुना था। इस फैसले का उद्देश्य विपक्ष की एकता में विभाजन को रोकना था। फिर भी, बाजवा की घोषणा I.N.D.I.A गठबंधन के भीतर विभिन्न दलों के बीच जमीनी स्तर के भीतर अंतर्निहित असंतोष के अस्तित्व को रेखांकित करती है।
बता दें कि, इससे पहले संसद में दिल्ली अध्यादेश बिल के समर्थन को लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और AAP नेताओं के बीच वाकयुद्ध देखने को मिला था। जहां AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर संदीप दीक्षित की टिप्पणियों को महत्वहीन बताते हुए खारिज कर दिया था, वहीं दीक्षित ने AAP सांसद सुशील गुप्ता के बारे में भी यही बयान दिया था। जबकि विपक्षी गठबंधन राष्ट्रीय मंच पर एक सीट, एक उम्मीदवार की अवधारणा की वकालत करता है और एक व्यापक राष्ट्रव्यापी गठबंधन स्थापित करने का प्रयास कर रहा है, राज्यों में वास्तविकता, गठबंधन के बिलकुल विपरीत तस्वीर पेश करती है। इन राज्यों के भीतर, वही पार्टियाँ खुद को अंतर-गठबंधन संघर्षों और असहमतियों में लगी हुई पाती हैं। इस सप्ताह कांग्रेस ने संसदीय कार्यवाही के दौरान दिल्ली सेवा विधेयक पर विरोध जताते हुए AAP को अपना समर्थन दिया। इन प्रयासों के बावजूद, विधेयक संसद में सफलतापूर्वक पारित हो गया। पंजाब में कांग्रेस और AAP के बीच असहमति I.N.D.I.A गठबंधन के भीतर टकराव की दूसरी घटना का प्रतिनिधित्व करती है। पहला उदाहरण तब सामने आया था, जब CPM ने पश्चिम बंगाल में TMC को कोई रियायत नहीं देने के अपने अटल रुख की घोषणा की थी।
भारत सरकार पर अविश्वास! आज सदन में जवाब देंगे पीएम मोदी, कल राहुल गांधी ने बोला था जोरदार हमला