चेन्नई: तमिलनाडु में धर्म परिवर्तन के दबाव के कारण एक हिन्दू छात्रा द्वारा की गई खुदकुशी के मामले में शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) की याचिका पर यह नोटिस जारी किया है.
सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि CBI जांच के लिए उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध करके मामले को प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को सभी सबूतों और डाक्यूमेंट्स CBI के हवाले करने का आदेश जारी किया. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि CBI को जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों की भी तफ्तीश करनी चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए जवाब माँगा है. साथ ही केंद्र को भी जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए भी 2 हफ्ते का वक़्त दिया है.
बता दें कि तंजावुर में 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने जहर खा लिया था, जिसे 9 जनवरी को अस्पताल में एडमिट कराया गया था. छात्रा की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप था कि पीड़िता से मिशनरी बोर्डिंग स्कूल सेंट माइकल्स गर्ल्स होम में जबरन कमरों की सफाई कराई जाती थी. इसके साथ ही उस पर ईसाई धर्म अपनाने का भी दबाव था. इससे तंग आकर लड़की ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था. उसे फ़ौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां होश में आने पर उसने डॉक्टरों को उत्पीड़न और धर्म परिवर्तन के दबाव की बात बताई थी. हालांकि, 10 दिन तक चले इलाज के बाद छात्रा ने 19 जनवरी को दम तोड़ दिया था.
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