शराब नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही 34 साल पुराना फैसला

शराब नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही 34 साल पुराना फैसला
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक शराब नीति से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्यों को बड़ी जीत दिलाई है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य औद्योगिक शराब के उत्पादन, निर्माण और आपूर्ति को रेगुलेट करने के अधिकार रखते हैं। यह फैसला एक नौ जजों की संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत से दिया, जिसने 34 साल पहले एक सात जजों की बेंच द्वारा दिए गए फैसले को पलट दिया।

पिछले फैसले में, जो 1997 में आया था, सात जजों की बेंच ने यह कहा था कि औद्योगिक अल्कोहल के उत्पादन पर नियामक शक्ति केंद्र सरकार के पास है। इस मुद्दे को 2010 में नौ जजों की पीठ को भेजा गया था, और अब इस नई बेंच ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों को इस क्षेत्र में कानून बनाने का अधिकार है। हालांकि, जस्टिस बी वी नागरत्ना ने इस बहुमत के फैसले से असहमति जताई है।

इस फैसले से राज्यों को अपनी औद्योगिक शराब नीतियों को निर्धारित करने में मदद मिलेगी और उन्हें अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकारें औद्योगिक अल्कोहल के संबंध में अपनी प्राथमिकताओं और जरूरतों के अनुसार निर्णय ले सकती हैं।

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