जामनगर: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। वही इसको लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत उत्साह है। इस ऐतिहासिक दिन का गवाह बनने के लिए हर कोई बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा। वहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों का आरोप है भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है। वहीं कांग्रेस ने 22 जनवरी को उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित होने से भी मना कर दिया है, जिस पर देश की राजनीति गरमा गई है। जिसका प्रभाव गुजरात में भी देखने को मिला है।
वही गुजरात में एक बार फिर से ननद और भाभी आमने सामने आ गई हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं जामनगर से भारतीय जनता पार्टी की MLA रिवाबा जडेजा और उनकी ननद नयनाबा की, जिनके बीच इस मुद्दे को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस के निमंत्रण पत्र ठुकराने पर रिवाबा जडेजा ने बताया कि ये करोड़ों भारतीयों की आस्था का विषय है, जिसकी प्रतीक्षा वर्षों से की जा रही है। उन्होंने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उन्हें राजनीति से दूर रखना चाहिए। रिवाबा ने कहा कि प्रभु श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव होने वाला है ऐसे में सभी को खुशी के साथ प्रभु श्री राम का स्वागत करना चाहिए।
भाभी की ये बात उनकी ननद नयनाबा को रास नहीं आई। कांग्रेस नेता नयनाबा ने भाभी की बात पर प्रतिक्रिया दी है, हालांकि इस के चलते उन्होंने रिवाबा का नाम नहीं लिया। नयनाबा ने कहा कि आप छोटी काशी में रहते हैं। आपको धर्म का कोई ज्ञान नहीं है। ऐसे में संस्कार और धर्म की बात आपको शोभा नहीं देती। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें आपसे भक्ति एवं संस्कार सीखने की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा उसके बाद कांग्रेस से सभी लोग भगवान के दर्शन करने चले जाएंगे।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता नयनाबा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में रिवाबा जडेजा एवं रविंद्र जडेजा को आमंत्रित करने पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को न्योता भेजा जा रहा है वो भारतीय जनता पार्टी के ही लोग हैं। कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए वहां सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नेता और उनके ही लोग रहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि जिस कार्यक्रम में साधु, संत और महंत सम्मिलित नहीं होते, वो एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं होता है। गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने से कांग्रेस ने मना कर दिया है। कांग्रेस ने कार्यक्रम के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस की बहुत आलोचना हो रही है। भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के कई नेता एवं कार्यकर्ता भी पार्टी के इस फैसले से नाराज है।
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