जम्मू: सीएम उमर अब्दुल्ला के विधानसभा इलाके गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकियों ने प्रवासी मजदूरों पर हमले के लिए पूरी रेकी पहले ही कर ली थी। सुरंग निर्माण के काम से लौटते ही पहले से घात लगाए आतंकियों ने अटैक करते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मजदूरों को भागने तक का मौका न मिल सका।
रिपोर्ट्स का कहना है कि आतंकियों ने पहले से ही मजदूरों की मूवमेंट की सारी सूचना हासिल कर रखी थी। उनके आने-जाने के वक़्त की उन्हें सटीक सूचना थी। यही कारण है कि जैसे ही कर्मचारी कैंप में वाहन से पहुंचे उन्हें संभलने तक का अवसर नहीं दिया गया। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कुछ मजदूर भागने लगे तो आतंकियों ने उन्हें भी टारगेट करते हुए फायरिंग की। इतना ही नहीं अमरनाथ यात्रा मार्ग पर यह इलाका अपेक्षाकृत शांत रहा है। आसपास के क्षेत्रों में सड़क किनारे दोनों ओर घने जंगल हैं। अटैक के उपरांत दहशतगर्द जंगल में भागने में कामयाब हो गए।
तीन साल में टारगेट किलिंग की घटनाएं
गोलीबारी में सात की मौत, टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी: खबरों का कहना है कि गांदरबल में सोनमर्ग के पास गगनगीर क्षेत्र में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में कार्य करने वाले मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने अटैक कर छह मजदूरों और एक डॉक्टर को भी मौत के घाट उतार दिया। कुछ अन्य मजदूर जख्मी हैं। इनमें 5 प्रवासी मजदूर भी हैं। अटैक की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की: इतना ही नहीं गगनगीर गुंड क्षेत्र में सुरंग बना रही कंपनी एप्को के कर्मियों के शिविर पर पहुंचकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें घटनास्थल पर ही दो मजदूरों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती किया जा चुका है। जख्मियों में एक कश्मीरी डॉक्टर तथा चार अन्य मजदूरों की इलाज के बीच ही जान चली गई। मृतकों की पहचान डॉ. शाहनवाज और मजदूरों फहीम नजीर, कलीम, मोहम्मद हनीफ, शशि अबरोल, अनिल शुक्ला और गुरमीत सिंह के रूप में की गई है। इनमें गुरमीत पंजाब, अनिल मध्य प्रदेश और हनीफ, कलीम व फहीम बिहार के रहने वाले थे।
पिछले तीन दिन में आतंकी हमले में सात मजदूरों की मौत: इतना ही नहीं अटैक होते ही कर्मचारियों में भगदड़ का माहौल पैदा हो गया। सुरक्षा बलों ने घटनस्थल पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र को घेर तलाशी अभियान शुरू किया, ताकि आतंकियों को मार गिराया जा सके। IG वीके विर्दी भी मौके पर हैं। प्रवासी मजदूरों पर हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ा आतंकी अटैक है। आतंकियों की संख्या 2 कही जा रही है। यह वारदात शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान के आतंकी हमले में मारे जाने के एक दिन के उपरांत हुई है। क़त्ल के विरोध में नागरिक समाज तथा कॉलेज के छात्रों ने शनिवार को जुलूस निकालकर शांति की भी मांग की थी। बीते 3 दिन में आतंकी हमले में सात मजदूरों मौत के घाट उतार दिया गया है।
उमर सरकार के 5 दिन में दूसरा आतंकी हमला: अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उमर अब्दुल्ला गवर्नमेंट के शपथ लेने के 5 दिन के भीतर प्रवासी मजदूरों पर यह दूसरा आतंकी अटैक। यह हमला जिस इलाके में हुआ, वह उमर के विधानसभा क्षेत्र गांदरबल में आ रहा है। इस वर्ष गैर कश्मीरियों पर यह 5वां अटैक है। हमले ने यहां काम करने वाले 50 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां श्रमिकों में बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब के लोग अधिक हैं।
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