नई दिल्ली: एकाएक देश भर में बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर अब तीव्र गति ले चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण कई जाने जा रही है तो वहीं रोजाना सैकड़ों लोग इस वायरस के कारण संक्रमित होते जा रहे है. इतना ही नहीं कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है, लेकिन सीधे तौर पर अगर कोरोना ग्राफ से इसकी तुलना करें तो मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है. पहले लॉकडाउन में डेढ़ तो बाकी दो में अब तक करीब तीन-तीन हजार संक्रमित मिल चुके हैं. पहले में 1530, दूसरे में 2988 और तीसरे लॉकडाउन में अब तक 3 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. पहले दो लॉकडाउन 21 और 19 दिन के घोषित हुए, लेकिन दिल्ली का नक्शा लाल ही दिखाई देने लगा.
केंद्र के साथ समीक्षा बैठक में दिल्ली के अधिकारियों ने इसके कई कारण भी गिनाना शुरू कर दिया, जिसमें जांच रिपोर्ट समय पर न मिलना, बड़े कंटेनमेंट जोन होना आदि शामिल है. तीसरा लॉकडाउन शुरू होते-होते कंटेनमेंट जोन की योजना में भी बदलाव हुआ और सरकार ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर काम करना शुरू किया. गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार ने कोई नया कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया, जबकि प्रतिदिन औसतन 300 से 400 मरीज मिल रहे हैं.दिल्ली हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 30 अप्रैल से 10 मई तक एक भी नया कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया है. 17 कंटेनमेंट जोन को हटा लिया गया, जबकि इन्हीं दिन में 3484 नए मरीज मिले हैं, जो कुल मरीजों की तुलना में 50 फीसदी की बढ़ोतरी है.
इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों से भी जवाब मांगा गया, लेकिन जानकारी नहीं दी गई कि आखिर नए कंटेनमेंट जोन क्यों नहीं बनाए गए? यह भी नहीं बताया कि हर दिन मिलने वाले संक्रमित मरीज कंटेनमेंट इलाकों में मिल रहे हैं या कहीं और से? जिलावार मरीजों की स्थिति भी हेल्थ बुलेटिन में जारी नहीं की गई है.
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