भारत में तेजी से बढ़ रहा है चांदीपुरा वायरस का खतरा

भारत में तेजी से बढ़ रहा है चांदीपुरा वायरस का खतरा
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भारत में मंकीपॉक्स के खतरे के बीच एक और खतरनाक वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। इस नए वायरस का नाम है चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus)। यह वायरस गुजरात के बाद अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी फैल चुका है, जिससे लोगों में डर बढ़ता जा रहा है।

चांदीपुरा वायरस: कहां और कैसे फैला?

चांदीपुरा वायरस का पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव चांदीपुरा में सामने आया था। इसी के नाम पर इस वायरस का नाम रखा गया है। यह वायरस रैबडोविरिडे फैमिली का सदस्य है और मच्छरों और सैंड फ्लाई जैसे कीड़ों के काटने से फैलता है। इसका असर खासकर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखा जाता है, जहां मच्छर और मक्खियों की संख्या अधिक होती है।

कौन हैं सबसे ज्यादा खतरे में?

इस वायरस से बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वे जल्दी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। चांदीपुरा वायरस का संक्रमण गंभीर हो सकता है और इससे मस्तिष्क में सूजन, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण

इस वायरस के लक्षण तेजी से बिगड़ सकते हैं, इसलिए समय पर पहचानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं इसके मुख्य लक्षण:

  • तेज बुखार: बुखार अचानक और तेज होता है।
  • उल्टी: बुखार के साथ उल्टी का होना।
  • मानसिक स्थिति में बदलाव: संक्रमित व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है, जैसे कि चेतना में कमी।
  • फोटोफोबिया: रोशनी से आंखों में समस्या होना।
  • डायरिया: पेट की गड़बड़ी और दस्त।
  • सिरदर्द और गर्दन में अकड़न: सिर और गर्दन में दर्द और अकड़न।
  • दौरे पड़ना: गंभीर मामलों में दौरे भी पड़ सकते हैं।

चांदीपुरा वायरस से बचने के उपाय

इस घातक वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • हाइजीन बनाए रखें: अपने आसपास के माहौल को साफ रखें।
  • जंगली जानवरों से दूर रहें: जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  • मच्छरदानी लगाकर सोएं: मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • पूरी बांह के कपड़े पहनें: शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके।
  • इम्यूनिटी मजबूत बनाएं: अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें।
  • कीड़ों से बचें: जहां मच्छर और कीड़े ज्यादा हों, वहां सतर्क रहें और बचाव के उपाय अपनाएं।

चांदीपुरा वायरस का इलाज: क्या है विकल्प?

चांदीपुरा वायरस के लिए फिलहाल कोई विशेष एंटीवायरल इलाज उपलब्ध नहीं है। यह एक गंभीर बीमारी है, इसलिए इसके लक्षणों की पहचान होते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है। इलाज के दौरान मरीज की देखभाल और समय पर चिकित्सा सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही इलाज करते हैं, इसलिए समय पर जांच कराना जरूरी है।इस वायरस के कारण गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना और समय पर कदम उठाना ही सबसे बेहतर तरीका है।

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