हिंदी फिल्मों में मसहूर रही मुमताज़ अपने जमाने की एक अनोखी कलाकार रही,उस वक्त जब चुलबुली, हंसमुख और नटखट मुमताज़ जब परदे पर आतीं तो दर्शकों की धड़कनें रुक जाया करतीं. फिल्मों में इनका नाम सुनते ही दर्शकों की भीड़ इकट्ठा होने लगती थी. हर कोई उनकी अदाओं और अदाकारी का दीवाना था. लेकिन, साठ और सत्तर के दशक की इस हसीन नायिका को आज भुला दिया गया है. 69 वर्षीय मुमताज़ आज अपने वतन और कर्म भूमि मुंबई से हजारों किलोमीटर दूर लंदन में रह रहीं हैं.
मुमताज़ ने जब से होश संभाला उनका सपना एक अभिनेत्री बनने का ही था.मुमताज़ की मां नाज़ और आंटी निलोफर दोनों ही एक्टिंग की दुनिया में सक्रिय थीं, लेकिंन वे महज जूनियर आर्टिस्ट के ही रूप में काम किया करतीं. साठ के दशक में मुमताज़ ने भी फ़िल्मों में छोटे-मोटे रोल करने शुरू कर दिए थे.उनकी किस्मत बदली तब जब दारा सिंह जैसे स्टार बॉलीवुड का हिस्सा बने.
दारा सिंह जैसे बुलंद किरदार के साथ काम करने से उस दौर की एक्ट्रेस बचतीं थीं। इसी का फायदा उठाया मुमताज़ ने और उन्होंने एक के बाद एक सोलह फ़िल्में दारा सिंह के साथ कीं। क्या आप यकीन करेंगे कि इन सोलह फ़िल्मों में दस फ़िल्में जबर्दस्त हिट साबित हुईं. यहां से सफ़र शुरू हो गया मुमताज़ की कामयाबी का , उन्हें मिला देश के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का साथ और यह दौर अभिनेत्री मुमताज़ की ज़िन्दगी का गोल्डन टाइम साबित हुआ.