वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार (18 दिसंबर) को वाराणसी में दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश ने गुलाम मानसिकता से आजादी की घोषणा कर दी है और अपनी विरासत पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि, "गुलामी के दौर में भारत को कमजोर करने का प्रयास करने वाले अत्याचारियों ने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को निशाना बनाया। आजादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण जरूरी था।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद ''सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध हुआ और यह विचार धारा दशकों तक हावी रही। इसका परिणाम यह हुआ कि देश हीन भावना के गर्त में चला गया। हम अपनी विरासत पर गर्व महसूस करना भूल गए।" उन्होंने आगे कहा कि, ''आजादी के सात दशक बाद समय का पहिया एक बार फिर घूम गया है। देश ने लाल किले से गुलाम मानसिकता से आजादी और अपनी विरासत पर गर्व की घोषणा की है।''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, "सोमनाथ से शुरू हुआ काम अब एक अभियान बन गया है। आज विश्वनाथ का वैभव भारत के गौरव की गाथा गा रहा है।" प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत सदियों से आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है, उन्होंने कहा कि सरकार, समाज और संत काशी के कायाकल्प के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद, प्रधान मंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्र का दौरा किया, जिसमें ध्यान के लिए एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं। सात मंजिला अधिरचना महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं।
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