वॉशिंगटन : पाकिस्तान और चीन की सीमा में स्थित तालिबानी प्रशिक्षण और हमले करने वाले केंद्रों पर अमेरिका ने पिछले 96 घंटों के भीतर लगभग 24 बार हवाई हमले कर पाकिस्तान और चीन की नींद हराम कर दी. मंगलवार के दिन अमेरिका ने अपनी हवाई हमले की कार्यवाही अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रांत में और तजाकिस्तान की सीमा पर भी की.
किये गए इन हमलों से पहले अमेरिका के हवाई हमले केवल अपने ही देश में आतंकवादियों के नियंत्रण वाले दक्षिणी और पूर्वी भागों तक ही सीमित थे लेकिन अब अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान की सीमा में बने तालिबानी ठिकानों पर भी बमो को बारिश कर दी. इस हमले के मामले में जानकारी देते हुए अमेरिकी-अफगानिस्तान (यूएसएफओआर-ए) के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने कहा कि आतंकवादी संगठनो को जो सिर्फ नुकसान और तबाही लाते हैं, उन्हें अब कहीं भी छुपने की जगह नहीं मिलने वाली है. वहीँ यूएसएफओआर-ए कमांडर जनरल ने यह भी दावा किया कि इन हवाई हमलों में अफगानी सेना के उन वाहनों को भी ध्वस्त कर दिया गया जिनका उपयोग आतंकवादियों द्वारा बम विस्फोट करने के लिए किया जाना था.
इन हवाई हमलो से पहले अमेरिका की सेना उन इलाकों में सक्रिय थी जिसमे इस्लामिक स्टेट और तालिबान का पूर्ण नियंत्रण था. वह इलाके अलग-अलग जगह थे जिसमे दक्षिण में स्थित हेलमंड, पूर्वी प्रांत नांगरहार और उत्तर में स्थित कुंदुज़ शामिल है जिसमे से हेलमंड पर तालिबान का पूरा कब्ज़ा था जबकि अन्य दो इलाकों पर इस्लामिक स्टेट का नियंत्रण था. हेलमंड तालिबान मादक पदार्थों का व्यापार करता था और अमेरिका की तरफ से किये जा रहे हवाई हमलो में नवंबर से अब तक उसे तकरीबन तीन करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. इससे पहले अफगानिस्तान के काबुल में एक होटल पर तालिबानी हमला हुआ था और एक एम्बुलेंस में धमाका किया गया था जिसमे लगभग 120 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हो गये थे इसकी निंदा करते हुए अमेरिका ने कहा था कि - 'तालिबान युद्ध क्षेत्र में नहीं जीत सकता, इसलिए निर्दोष नागरिकों नुकसान पहुंचा रहा है।'
वहीँ अब इस तरह की वारदात बढ़ने पर अमेरिका ने तालिबानी और इस्लामिक स्टेट के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है और एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि बेगुनाह लोगों की जान लेने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अब तालिबानी या इस्लामिक स्टेट कही भी नहीं छिप सकते.
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