जयपुर: सालभर का इंतज़ार आखिरकार खत्म होने को है, क्योंकि कुछ ही दिनों में राजस्थान स्थित माउंट आबू की शान, समर फेस्टिवल शुरू होने जा रहा है। राजस्थान का एकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू गर्मियों में पूरे विश्व के पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र होता है। हर साल मई और जून में यहाँ समर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दराज से सैलानी आते हैं। समर फेस्टिवल लोक और शास्त्रीय संगीत का पर्व है और यह सूबे के आदिवासी जीवन और संस्कृति की झलक देता है।
माउंट आबू में इस वार्षिक उत्सव का शुभारम्भ आगामी 13 मई से होने वाला है और यह 15 मई तक जारी रहेगा। तीन दिन के इस फेस्टिवल में कई सांस्कृतिक और पारंपरिक झलकियाँ देखने को मिलेंगी। इसकी जानकारी राजस्थान टूरिज़्म ने स्वदेशी सोशल मीडिया मंच, Koo ऐप के अपने आधिकारिक हैंडल के जरिए दी है, जिसके बाद कला प्रेमियों का उत्साह दोगुना हो गया है। कू ऐप के माध्यम से जानकारी देते हुए राजस्थान टूरिज़्म ने लिखा है कि 'एक गाथागीत का गायन, मंत्रमुग्ध कर देने वाला नृत्य प्रदर्शन, मनोरंजक कलाकार, साहसिक खेल और संगीत, जो आत्मा को छू जाता है! सब एक ही स्थान पर! राजस्थान के सबसे बड़े ग्रीष्मकालीन त्यौहारों में से एक के लिए तैयार हो जाइए- समर फेस्टिवल, माउंट आबू 13-15 मई। कहीं देर न हो जाए! अभी अपना सामान पैक कर लें!'
खास बात यह है कि माउंट आबू में यह समर फेस्टिवल प्रति वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दौरान आयोजित किया जाता है, जिसका आगाज़ एक भव्य गाथागीत के साथ होता है। इसके बाद मंत्रमुग्ध कर देने वाला लोक नृत्य होता है। इस फेस्टिवल के दौरान नक्की झील में बोट रेस और पूरे माउंट आबू में जुलूस का भी आयोजन किया जाता है।
फेस्टिवल में क्या-क्या होता है?
माउंट आबू समर फेस्टिवल की शुरुआत प्रेम गीत और पारंपरिक जुलूस निकालकर होती है, जिसमें राजस्थानी और गुजराती लोक नृत्य और लोक संगीत का अद्भुत समागम देखने को मिलता है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में कई तरह की प्रतियोगिताएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक कार्यक्रम भी होते हैं। इस फेस्टिवल में ढेरों एक्टिविटीज, जैसे- घोड़ों की रेस, नक्की झील में बोट रेस, मटका रेस, रस्साकशी, स्केटिंग रेस, बैंड शो जैसी कई रोचक गतिविधियाँ शामिल है। इवेंट की विशेषता शाम-ए-कव्वाली होती है, जिसमें कई जाने माने कव्वाली गायक शामिल होते हैं। फेस्टिवल के आखिर में जोरदार आतिशबाजी होती है और इसके साथ ही माउंट आबू समर फेस्टिवल ख़त्म हो जाता है।
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