मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है। इसके बाद भी असली शिवसेना को लेकर जंग थमती नहीं दिख रही है। सवाल ये है कि क्या आदित्य ठाकरे समेत उद्धव गुट के 16 विधायकों को पार्टी व्हिप का पालन करना होगा? नार्वेकर का जवाब हां है। नार्वेकर ने स्पष्ट किया है कि ठाकरे गुट के 16 विधायकों को शिंदे की अध्यक्षता वाली शिवसेना के व्हिप का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा के पटल पर मान्यता प्राप्त सिर्फ एक ही शिवसेना पार्टी है। इसलिए जो कोई भी शिवसेना विधायक दल का सदस्य है, उसे इसका पालन करना ही होगा।
इसका अर्थ ये हुआ कि जब भी राज्य विधानसभा का सत्र लगेगा, तब उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के 16 विधायकों को कार्यवाही में शामिल होने पर शिंदे की शिवसेना के आदेशों का पालन करना होगा। इसमें विधानसभा में बोलना और सरकार की तरफ से पेश बिलों के पक्ष में वोट डालना व पार्टी की बैठकों में शामिल होना भी शामिल है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या आदित्य ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के शेष विधायक इस बात को मांगेंगे? इस पर ठाकरे गुट के मुख्य व्हिप सुनील प्रभु ने बताया है कि पार्टी इसे लेकर कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मश्वरा करेगी। सुनील प्रभु ने कहा कि, 'व्हिप राज्य विधानमंडल के सत्र के समय लागू होता है। फिलहाल विधानसभा सत्र नहीं है। ऐसे में पार्टी नार्वेकर के दावे पर कानूनी सलाह लेने जा रही है।'
शिवसेना (UBT) विधायक भास्कर जाधव ने कहा है कि, 'ऐसा लगता है कि नार्वेकर सोचते हैं कि उनका निर्णय ही आखिरी है, लेकिन ऐसा तो नहीं है। देश में सर्वोच्च न्यायालय है और उसे इस पर फैसला करना है।' उल्लेखनीय है कि विधायक अयोग्यता मामले में फैसले से पहले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और सीएम शिंदे की मीटिंग हुई थी। शिवसेना UBT ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया था। इसमें 7 जनवरी को सीएम शिंदे से उनके आवास पर नार्वेकर की मुलाकात को लेकर सवाल उठाए गए थे, जबकि निर्णय 10 जनवरी को शाम चार बजे आने वाला था।
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