मोगदिशु: अशांत अफ्रीकी देश सोमालिया में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। युगांडा ने इस आतंकी हमले में अपने 54 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। वहीं, इस हमले के पीछे इस्लामी आतंकी संगठन अल-शबाब की भूमिका सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, घटना शुक्रवार (27 मई) की है, जब आतंकी संगठन अल-शबाब के आतंकियों ने बुलामारेर नामक जगह पर युगांडा के सैन्य कैम्प पर हमला किया था।
#UPDATE: Uganda's President Yoweri Museveni said on Saturday that 54 Ugandan peacekeepers were killed in an attack last week by militant group al Shabaab on a military base in Somalia. Museveni’s statement on Saturday comes a week after al-Shabab fighters stormed the base in… pic.twitter.com/E8cDUKlUoc
— Somalia Live Update (@HassanIstiila) June 4, 2023
रिपोर्ट्स के अनुसार, युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी (Yoweri Museveni) ने शनिवार (3 जून) को अल-शबाब के आतंकी हमले में युगांडा के 54 शांति सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की हैं। अपने बयान में मुसेवेनी ने बताया है कि इस हमले के बाद युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (UPDF) ने जबरदस्त वीरता का परिचय दिया और मंगलवार (30 मई) तक अपने बेस कैम्प को पुनः हासिल कर लिया। इस हमले के दौरान फौजियों को गलत निर्देश देने के इल्जाम में युगांडा के राष्ट्रपति ने मेजर रैंक के 2 अधिकारियों के कोर्ट मार्शल के आदेश भी दिए।
युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने पिछले सप्ताह ही युगांडा के बेस कैम्प पर हमले की सूचना तो दी थी, मगर उन्होंने मृतकों की तादाद का खुलासा नहीं किया था। हालाँकि उस समय उन्होंने आतंकी संगठन अल-शबाब को गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला सोमालिया की राजधानी मोगदिशु से लगभग 130 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बुलामारेर में हुआ था।
वहीं, आतंकी संगठन अल-शबाब इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा कर रहा है कि, उसने 137 सैनिकों को मारा है। युगांडा के सभी मृतक जवान अफ्रीकन यूनियन ट्रांजीशन मिशन इन सोमालिया (ATMIS) के मेंबर थे। इस बीच गुरुवार (1 जून 2023) को यूनाइटेड स्टेट्स अफ्रीका कमांड (अफ्रीकॉम) द्वारा किए गए जवाबी हवाई हमले में अल-शबाब के 3 आतंकियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। ये हमला सोमालिया के दक्षिणी बंदरगाह शहर किसमायो से करीब 60 किमी दक्षिण-पश्चिम में वायंता में हुआ है।
बता दें कि इस्लामी आतंकी संगठन अल-शबाब सोमालिया में शरिया कानून से चलने वाला मुस्लिम शासन स्थापित करने के लिए वहाँ आए दिन हमले करते रहता है और निर्दोष लोगों की हत्या करते रहता है। वह सोमालिया की मौजूदा सरकार को पश्चिम देश समर्थित मानता है। वर्ष 2022 में सोमालिया के राष्ट्रपति हसन शेख महमूद ने भी जवाब में आतंकियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था। हालाँकि, सोमालिया वैसे ही मुस्लिम देश है और वहां कि, 99 फीसद आबादी मुसलमान ही है, लेकिन उसे और अधिक कट्टर और इस्लामी बनाने के लिए आतंकी बेकसूरों की जान ले रहे हैं। ये ठीक वैसा ही है, जैसे अफगानिस्तान में हुआ था, जो पहले से ही एक इस्लामी राष्ट्र था, लेकिन वहां लोगों पर, महिलाओं पर इतनी पाबंदियां नहीं थी, जितनी तालिबान ने सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद उनपर लगा दी है। अब अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर, उनके नौकरी करने पर, यहाँ तक कि, पार्क आदि में जाने पर भी प्रतिबंध है, यही कानून अल-शबाब सोमालिया में चाहता है।
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